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बृजभूषण को नसीहत और विनेश को राहत, खत्म हो गई ये बड़ी बाधा, 3 महीने की नोटिस पीरियड पर मिली छूट

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हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है. वैसे-वैसे नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेजी से बढ़ती जा रही है. इस बीच कांग्रेस में शामिल हुए बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को लेकर भाजपा नेता और WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह लगातार हमलावर हो रहे हैं. इसके चलते पार्टी ने उन्हें दोनों ओलंपियनों के खिलाफ टिप्पणी करने और उनके बारे में मीडिया से बात करने से परहेज करने को कहा है. वहीं नामांकन दाखिल करने की तैयारी कर रही विनेश फोगाट को रेलवे जल्द ही चुनाव लड़ने की मंजूरी दे सकता है.

रेलवे तीन महीने की नोटिस पीरियड में दे सकता है छूट
बता दें कि पार्टी का दामन थामने से पहले विनेश और बजरंग ने रेलवे की नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. भारतीय रेलवे के एक शीर्ष सूत्र के अनुसार, दोनों नेताओं ने अनिवार्य तीन महीने की नोटिस अवधि से छूट मांगी है. फोगाट को आगामी चुनावों के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल करना है और ऐसे में उन्हें रेलवे से 12 सितंबर से पहले मंजूरी लेनी पड़ेगी. बता दें कि उत्तर रेलवे, इस पूरी प्रक्रिया को देख रहा है. सूत्र ने सीएनएन-न्यूज-18 को बताया, “उन्होंने तीन महीने की नोटिस अवधि से छूट मांगी थी. और वह छूट दे दी गई है.

बीजेपी-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग जारी
सूत्र ने कहा कि संभावना है कि फोगाट के बाहर निकलने की औपचारिकताएं एक या दो दिन में पूरी हो सकती हैं और उन्हें अपना नामांकन दाखिल करने के लिए आवश्यक मंजूरी मिल सकती है. पहलवानों के आंदोलन के पीछे कथित राजनीतिक प्रेरणा को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध के बीच यह बात सामने आई है. कुछ पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप का सामना कर रहे बृज भूषण ने शनिवार (7 सितंबर) को दोनों एथलीटों पर जमकर हमला बोला.

बृजभूषण हुए हमलावर
उन्होंने आरोप लगाया कि यह विरोध प्रदर्शन उनके खिलाफ कांग्रेस की साजिश थी, जिसकी साजिश हुडा परिवार ने रची थी. पहलवानों के कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि अब वह सही साबित हुए हैं. पूरे संकट के दौरान भी, उन्होंने दावा किया था कि विरोध प्रदर्शन के पीछे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुडा और उनके बेटे दीपेंद्र सिंह हुडा थे.

‘फोगाट और पूनिया को मोहरे की तरह इस्तेमाल किया’
पूर्व भाजपा सांसद ने कहा कि कुश्ती महासंघ पर नियंत्रण करने और भाजपा पर हमला करने की एक “साजिश” में फोगट और पुनिया को “मोहरे” के रूप में इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने आरोप लगाया कि हुडा परिवार उनके खिलाफ साजिश रच रहा था क्योंकि उन्होंने 2012 में भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनाव में दीपेंद्र को हराया था. लेकिन, अब भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उनसे पहलवानों पर टिप्पणी करने से दूर रहने और इस मामले से संबंधित किसी भी मुद्दे पर मीडिया से संवाद करने से परहेज करने को कहा है. घटनाक्रम से वाकिफ एक बीजेपी नेता ने News18 को बताया, ”हरियाणा में यह एक बहुत ही संवेदनशील मुद्दा है और पार्टी विपक्ष को यह आरोप लगाने का कोई मौका नहीं देना चाहती कि वे महिला विरोधी हैं.”