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‘कोलम्बस नहीं, भारत के वुसुलन ने खोजा था अमेरिका…’ MP के उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया नया ज्ञान, वास्को डी गामा का भी बताया इतिहास

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नई दिल्ली. हम सभी बचपन से यही पढ़ते-सुनते आए हैं कि अमेरिका की खोज कोलम्बस ने की थी, लेकिन मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने इस पर नया ज्ञान दिया है. परमार के मुताबिक, अमेरिका की खोज भारतीय नाविक वसुलुन ने की थी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वास्को डी गामा ने भारत का कोई रास्ता नहीं खोजा था, बल्कि वे एक ‘गुजराती समुद्री व्यापारी’ के पीछे-पीछे यहां आए थे.

उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार यहां बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे, जब उन्होंने कहा कि ‘भारतीय छात्रों को झूठ पढ़ाया जा रहा है’. परमार ने कहा, ‘जिन्होंने राज किया उन्होंने हमें गलत पढ़ाया. हमारी शिक्षा नीति को बर्बाद किया, ताकि वह हम पर राज कर सके.’

‘दुनिया में हमारी छवि खराब करने की कोशिश’
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नाम पर भ्रम पैदा किया गया था, दुनिया के सामने हमारी छवि खराब करने की कोशिश की गई थी. हालांकि वर्ष 2020 में भारतीय विद्वानों ने फिर से नई शिक्षा नीति बनाई, जिसमें हमने विश्व गुरु बनने का हमने संकल्प लिया है.

परमार ने कहा, ‘हमको पढ़ाया गया भारत की खोज की वास्को डिगामा ने की. जिन विद्वानों ने इसे शिक्षा में शामिल किया, वह बस वास्को डी गामा की आत्मकथा पढ़ लेते तो सही इतिहास बता पाते. वास्को डी गामा ने बताया है कि चंदन नाम का एक व्यापारी उनके आगे उसी रूट पर नांव से जा रहा था. वास्कोडिगामा ने उससे कहा है कि मुझे भारत देखना है तो नाविक ने कहा कि हमारे नाव के पीछे-पीछे आ जाओ.’

उन्होंने बताया कि ‘वास्को डी गामा हमारे नाविक के पीछे-पीछे आया, इतिहासकारों ने भारत की खोज के बारे में गलत पढ़ाया कि वास्को डी गामा ने भारत के समुद्री मार्ग की खोज की. भारत की खोज वास्को डी गामा ने नहीं की. उसकी तरह कोलंबस ने भी अमेरिका की खोज नहीं की. हमारे यहां के महानाविक वासुलुन 8 वीं शताब्दी में वहां गया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह हमारे इतिहासकारों को पढ़ाया जाना चाहिए था.