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कर्मचारी हो या मजदूर सभी को मिले हेल्थ इंश्योरेंस की सुरक्षा, अमेरिका जैसा हो सिस्टम, कन्नी नहीं काटे कंपनी

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जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के प्रमुख ने देश की सभी कंपनियों को कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस देने और उसकी कवरेज का विस्तार करने का सुझाव दिया है. उन्होंने प्रीमियम पेमेंट में मदद के लिए सीएसआर फंड का उपयोग करने की अनुमति देने और राज्य सरकार की योजनाओं के साथ कॉर्पोरेट हेल्थ इंश्योरेंस प्लान को संयोजित करने का सुझाव दिया है. मीडिल क्लास वर्ग में हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज के अभाव को लेकर हुई चर्चा में यह मांग उठी. दरअसल अमेरिका में, सभी कंपनियों के लिए कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज प्रदान करना कानूनी रूप से अनिवार्य है. हालांकि, इससे सरकार को कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा, कुछ अतिरिक्त लागत आ सकती है. इसका रास्ता यह है कि इसे कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सबिलिटी बजट के हिस्से के रूप में अनुमति दी जाए या कर्मचारियों को कम लागत वाले गवर्नमेंट इंश्योरेंस कवर से जोड़ा जाए.

हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज बढ़ने से फायदा

जीआई काउंसिल के प्रमुख और बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल ने कहा, जैसे-जैसे हेल्थ इंश्योरेंस कवरेज का विस्तार होता है, यह हेल्थ केयर सिस्टम में अधिक डिमांड और कैश फ्लो उत्पन्न करता है. यह बढ़ी हुई मांग और फंडिंग बढ़ती हेल्थ केयर आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ज्यादा अस्पताल, क्लीनिक और बेसिक मेडिकल इंफ्रा के निर्माण को प्रोत्साहित कर सकती है. उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में 75,000 करोड़ रुपये से अधिक के भुगतान से देश भर में नए अस्पतालों का निर्माण हुआ है.

काउंसिल ने सरकार से उन वाहन मालिकों को नोटिस जारी करने के लिए बीमा उद्योग डेटाबेस का इस्तेमाल करने के लिए भी कह रही है, जिन्होंने अनिवार्य इंश्योरेंस रिन्यूअल नहीं कराया है. सिंघल ने कहा, “यह डेटा राज्य स्तर पर उपलब्ध है, जिससे अधिकारियों को बिना बीमा वाले वाहनों की पहचान करने में आसानी होगी. इस बारे में वे संबंधित राज्य सचिवों से बात कर रहे हैं.”