Home कोलकाता जूनियर डॉक्टरों ने उठाया बड़ा कदम, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले...

जूनियर डॉक्टरों ने उठाया बड़ा कदम, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले बदल दिया अपना वकील

6

आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से बलात्कार और हत्या मामले में न्याय की मांग कर रहे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन अब सुप्रीम कोर्ट मेंअपना वकील बदल रहा है. बताया जा रहा है कि उन्होंने शीर्ष अदासत में अपनी पैरवी के लिए वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह को नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट 17 सितंबर को इस मामले पर सुनवाई करने वाली है, उससे पहले जूनियर डॉक्टरों की तरफ से उठाया गया ये बहुत बड़ा कदम है.

इंदिरा जयसिंह आरजी कर मामले में आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी करेंगी. इससे पहले, वरिष्ठ वकील गीता लूथरा डॉक्टरों की पैरवी कर रही थीं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को हड़ताल तुरंत खत्म करने की हिदायत दी थी. बावजूद इसके पश्चिम बंगाल सरकार और डॉक्टरों के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है.

मंगलवार की सुनवाई में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टर शीर्ष अदालत के सामने अपना पक्ष रखेंगे और बताएंगे कि उन्होंने अभी तक हड़ताल वापस क्यों नहीं ली. डॉक्टरों की तरफ से इंदिरा जयसिंह, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल अपनी-अपनी दलीलें रखेंगे. आरजी कर मामले की पिछली तीन सुनवाई में 200 से ज्यादा वकील शामिल हुए हैं.

जूनियर डॉक्टर एक महीने से ज्यादा समय से हड़ताल पर हैं. सुप्रीम कोर्ट से लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तक बार-बार कह चुकी हैं कि डॉक्टरों को काम पर लौट आना चाहिए. हालांकि, वे 5 सूत्री मांग के अपने फैसले पर अड़े हुए हैं. प्रदर्शनकारी डॉक्टर पिछले दो मौकों पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मिलने गए थे, लेकिन पहले दिन राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ और दूसरे दिन कालीघाट में आवास के सामने से लौट आए. ऐसे में इलाज के बिना मरीज की मौत की भी शिकायतें आ रही हैं. हालांकि, डॉक्टरों का दावा है कि अस्पताल में सेवाएं सामान्य हैं.

दूसरी ओर, आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष और ताला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल को कोलकाता की एक अदालत ने रविवार को 17 सितंबर तक केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की हिरासत में भेज दिया. मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शनिवार शाम मंडल को गिरफ्तार किया था और घोष के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप भी जोड़ा था. घोष फिलहाल आरजी कर अस्पताल से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.