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कंगना रनौत को PM मोदी पर बिल्कुल भरोसा नहीं है… कृषि कानूनों को फ‍िर से लाने के बयान पर भड़के किसान

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भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानूनों को वापस लाने की मांग कर पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर दी. उन्होंने कहा था कि केवल कुछ राज्यों में ही किसानों ने कृषि कानूनों पर आपत्ति जताई थी और इसीलिए मैं अपील करती हूं कि किसानों के हित में इन कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए. मंडी से लोकसभा सांसद का यह बयान पंजाब के किसानों को नागवार गुजरा है. हालांकि, चारों तरह से घिरने के बाद सांसद कंगना रनौत ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक वीडियो जारी कर अपना बयान वापस ले लिया, लेकिन मंडी की सांसद के बयान पर किसानों का रोष थमने का नाम नहीं ले रहा है. पंजाब के कई किसानों ने अभिनेत्री के कृषि कानून को वापस लागू करने की मांग पर ना सिर्फ गुस्सा जाहिर किया, बल्कि पार्टी से उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की है.

दोआबा किसान वेलफेयर कमेटी प्रधान के प्रमुख हरसुरिंद्र सिंह ने कंगना के बयान पर ऐतराज जताया. उन्होंने आईएएनएस से कहा, “गौर करने वाली बात है कि कंगना कोई भी बयान पार्टी की नुमाइंदगी करते हुए नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर दे रही हैं. मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि कंगना महज सुर्खियों में रहने के लिए इस तरह के बेबुनियाद बयान दे रही हैं, जिनका अब कोई तुक नहीं बनता है. इतना ही नहीं, अब तो बीजेपी के नेता भी सामने आकर अभिनेत्री के इन बयानों की मुखालफत कर रहे हैं. भाजपा ने अपने बयान में स्पष्ट कर दिया है कि अभिनेत्री का यह निजी बयान है, जिसका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. कंगना अभिनेत्री हैं, लेकिन राजनीति में पदार्पण करने के बाद अब वो सांसद बन चुकी हैं. ऐसे में उन्हें अब कोई भी बयान पूरी जिम्मेदारी के साथ देना चाहिए.”

किसान नेता गुर प्यार सिंह ने भी कंगना के बयान पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा, “कंगना ने अपने बयान से यह जाहिर कर दिया है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है. किसानों के साथ कई बार वार्ता करने के बाद कृषि कानूनों को वापस लिया गया था. माफी के साथ बाकायदा इस कानून को वापस लिया गया था, लेकिन अब जिस तरह से इस मुद्दे को उठाया जा रहा है, उससे स्पष्ट है कि कंगना महज सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा कर रही हैं. अभिनेत्री को एक बात समझनी होगी कि वह किसानों के बारे में कुछ भी ना बोल दें, मुझे लगता है कि उन्‍हें पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। पार्टी को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.”

किसान मनप्रीत सिंह बाठ ने भी कंगना के बयान पर ऐतराज जताते हुए कहा, “उनके राजनीति में रहने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि वो जिस तरह के बयान दे रही हैं, उससे उनकी राजनीतिक अपरिपक्वता जाहिर हो रही है. एक जनप्रतिनिधि समाज के सभी वर्गों के हितों के बारे में सोचते हुए कोई भी बयान देता है या फैसला लेता है, लेकिन जिस तरह के बयान कंगना दे रही हैं, उससे यही जाहिर हो रहा है कि उनका मुख्य मकसद सिर्फ सुर्खियों में रहना है.” किसान नेता दिलबाग सिंह ने कहा, “कंगना रनौत फिल्म की दुनिया से आई हैं. उन्हें किसानों के बारे में क्या पता. उन्हें खेती बाड़ी के बारे में क्या पता है. उनके बयान से तो यह साफ जाहिर हो चुका है कि उन्हें सच में कुछ नहीं पता है. कंगना को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.”

अपने बयान पर विवाद बढ़ने और पार्टी की ओर से पल्ला झाड़ने के बाद कंगना रनौत ने कहा, “मैं अपने कहे शब्दों को वापस लेती हूं. मैं कलाकार के साथ पार्टी की कार्यकर्ता हूं. ऐसे में एक कार्यकर्ता होने के नाते मेरा यह कर्तव्य बनता है कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कहे शब्दों का सम्मान रखूं. अगर मैंने अपने शब्दों से किसी को ठेस पहुंचाई है, तो मुझे इसका खेद रहेगा, लिहाजा मैं अपने शब्दों को वापस लेती हूं.”