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ईरान और पूरे मिडिल-ईस्ट में कोई ऐसी जगह नहीं… नेतन्याहू ने UN में ऐसा भाषण दिया कि अमेरिका के भी होश उड़ गए

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बेंजामिन नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में वो कर दिखाया, जिसकी शायद अमेरिका को भी उम्मीद नहीं रही होगी. इजरायल के प्रधानमंत्री ने ना सिर्फ हिजबुल्लाह को जड़ से खत्म करने के अपने संकल्प को दोहराया, बल्कि उन्होंने ईरान के साथ-साथ पूरे मिडिल-ईस्ट को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि उसके हथियारों की पहुंच से कोई देश बाहर नहीं है. निश्चित तौर पर नेतन्याहू की ओर से ऐसे स्पीच की उम्मीद अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी नहीं की होगी, जो लेबनान में युद्धविराम की कोशिश में लगे हैं.

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में लेबनान के आतंकवादी संगठन हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने देश के आक्रामक रुख को जारी रखने की कसम खाई. नेतन्याहू के इस संकल्प से फ्रांस और अमेरिका की तरफ से लाए गए 21 दिनों के युद्धविराम समझौते की उम्मीदें धराशायी हो गईं. संयुक्त राष्ट्र में नेतन्याहू के बहुप्रतीक्षित भाषण के दौरान, जिसमें उन्होंने बार-बार वैश्विक संगठन को इजरायल विरोधी बताया, कुछ प्रतिनिधियों ने उनका मजाक उड़ाया, लेकिन उनके समर्थकों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया.

नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को बताया, “जब तक हिजबुल्लाह युद्ध का रास्ता चुनता है, इजरायल के पास कोई विकल्प नहीं है, और इजरायल को इस खतरे को दूर करने और हमारे नागरिकों को सुरक्षित उनके घरों में वापस भेजने का पूरा अधिकार है.” उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के मंच से पूरी दुनिया अपना साफ संदेश दिया और कहा कहा “जब तक हमारे सभी मकसद पूरे नहीं हो जाते, हम हिजबुल्लाह को मिटाने की कार्रवाई जारी रखेंगे.”

बेंजामिन नेतन्याहू के बयान ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके फ्रांसीसी समकक्ष इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात के बाद अमेरिका और फ्रांस द्वारा पेश किए गए युद्धविराम प्रस्ताव को पूरी तरह से कमजोर कर दिया है. व्हाइट हाउस ने कहा है कि युद्धविराम के आह्वान पर इजरायल के साथ ‘तालमेल’ किया गया था, लेकिन नेतन्याहू के ऑफिस ने 26 सितंबर को कहा कि प्रधानमंत्री ने प्रस्ताव पर कोई जवाब नहीं दिया है.

नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में ईरान को भी धमकी देते हुए कहा, “मेरे पास तेहरान के तानाशाहों के लिए एक संदेश है. अगर आप हम पर हमला करेंगे, तो हम आप पर हमला करेंगे.” उन्होंने कहा, “ईरान में ऐसी कोई जगह नहीं है, जहां इजरायल की लंबे हाथ न पहुंच सके और यह पूरे मिडिल-ईस्ट के लिए सच है.” लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमलों में कई लोगों की मौत के बाद ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी थी.

नेतन्याहू भाषण देने के लिए जैसे ही संयुक्त राष्ट्र महासभा के मंच पर आए, वैसे ही लेबनान, ईरान और फिलिस्तीनियों सहित अन्य देशों के प्रतिनिधि कमरे से बाहर निकल गए. नेतन्याहू ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “इस मंच पर कई वक्ताओं द्वारा मेरे देश पर लगाए गए झूठ और बदनामी को सुनने के बाद, मैंने यहां आकर सच्चाई को सामने लाने का फैसला किया.” उनके यूएनजीए में जाने से पहले कुछ प्रदर्शनकारी न्यूयॉर्क में नेतन्याहू के होटल के बाहर जमा हुए और गाजा के साथ ही लेबनान में हिंसा को खत्म करने की मांग की.