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भारत से आंख बचाकर गड़बड़ी कर रहा ‘चिंदी पड़ोसी’, पकड़ा गया तो बोला- जी नहीं… ऐसा कदापि नहीं

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शेख हसीना की लोकत्रांतिक सरकार को बेदखल करके एक “चरमपंथी सरकार” बनाने वाला बांग्लादेश अब अपने असली रंग में आने लगा है. भारत का यह चिंदी-सा पड़ोसी खुद को बड़ा तीस-मारखां समझ रहा है. एक तरफ तो वह अडानी ग्रुप को बिजली के 7,200 करोड़ रुपये नहीं चुका पाया है, दूसरी तरफ भारत को “नुकसान पहुंचाने” का इरादा भी रखता है. दो दिन पहले एक भारतीय समाचार पत्र ने दावा किया कि बांग्लादेश अपने वस्त्र निर्यात (Textile exports) को मालदीव के रास्ते अन्य देशों तक पहुंचा रहा है. इससे भारत की बंदरगाहों और हवाई अड्डों के रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है. इस खबर के सामने आने के बाद कुछ लोग इसे बांग्लादेश द्वारा अपने व्यापारिक हितों को सुरक्षित रखने का प्रयास मान रहे हैं, तो कुछ इसे भारत-बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंधों पर खतरा बता रहे हैं. हालांकि, बांग्लादेश के ट्रेड एक्सपर्ट्स ने इस खबर को “पूरी तरह से झूठा और गुमराह करने वाला” करार दिया है.

द मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश ने अपने वस्त्र निर्यात को भारत के बजाय मालदीव के रास्ते भेजने का विकल्प चुना है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बांग्लादेश अपने माल को समुद्री मार्ग से मालदीव भेजता है, और फिर वहां से उसे हवाई मार्ग द्वारा H&M और Zara जैसी वैश्विक कंपनियों तक पहुंचाया जाता है. इससे भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों के राजस्व में कमी आ सकती है, क्योंकि पहले ये वस्त्र भारतीय रास्ते से ही भेजे जाते थे.

दिल्ली स्थित MSC Agency (India) Pvt Ltd के प्रबंध निदेशक दीपक तिवारी ने इस पर कहा, “पहले बांग्लादेशी वस्त्र भारतीय हवाई अड्डों से होकर गुजरते थे, लेकिन अब वे अन्य मार्गों से भेज रहे हैं. इसका मतलब है कि भारत के हवाई अड्डों और बंदरगाहों को पहले जो राजस्व मिलता था, अब वह नहीं मिल रहा है.”

मालदीव वाला रूट महंगा
इस रिपोर्ट के जवाब में मेडिटेरनियन शिपिंग कंपनी (Mediterranean Shipping Company – MSC) के बांग्लादेश स्थित एक अधिकारी ने इसे “पूरी तरह झूठा” करार दिया. अधिकारी ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया, “हमने MSC बांग्लादेश में मालदीव के लिए कोई भी ऐसा कार्गो नहीं भेजा है, जिसका उद्देश्य वैश्विक बाजारों में वितरण हो.” उनका मानना है कि बांग्लादेश से मालदीव, और फिर वहां से हवाई मार्ग से अमेरिका या यूरोप तक माल भेजना न केवल महंगा, बल्कि अव्यावहारिक भी है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने ही बांग्लादेश में H&M के क्षेत्रीय देश प्रबंधक जियाउर रहमान ने भी इस दावे को खारिज करते हुए कहा, “H&M वस्त्रों को हवाई मार्ग से नहीं भेजता है. हमारा एयर शिपमेंट 1 प्रतिशत से भी कम होता है और हम इसे सिर्फ विशेष प्रचार अभियानों में ही उपयोग करते हैं.”

भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंधों पर प्रभाव
मिंट की रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि यह बदलाव भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार संबंधों को कमजोर कर सकता है. रिपोर्ट के अनुसार, “यह कदम भारत के राजस्व पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों से होकर गुजरने वाले बांग्लादेशी वस्त्रों से होने वाली आय में कमी आ सकती है.”