Home देश-विदेश खतरे की घंटी…चीन के J-35A से कैसे पार पाएगा राफेल, S-400 को...

खतरे की घंटी…चीन के J-35A से कैसे पार पाएगा राफेल, S-400 को टक्‍कर देगा HQ-19, भारत के सामने दो चुनौतियां

6

चीन ने डिफेंस सेक्‍टर में अभूतपूर्व काम किया है. खासकर एयरफोर्स और नेवी को मॉडर्न बनाने का अभियान लगातार जारी है. झुहाई एयर शो-2024 में चीन कई अचूक विपन से दुनिया को रूबरू कराने वाला है. यह रिजनल सिक्‍योरिटी और स्‍टैबिलिटी के लिए खतरे की घंटी है. वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया समेत भारत के लिए भी यह कतई शुभ समाचार नहीं है. भारत और चीन की सीमाएं हजारों किलोमीटर की हैं. अरुणाचल प्रदेश से लेकर हिमाचल और उत्‍तराखंड तक दोनों देशों की सीमाएं लगती हैं, ऐसे में चीन की मॉडर्न नेवी और एयरफोर्स खतरे की घंटी है. J-35A स्‍टील्‍थ फाइटर जेट एक तरफ जहां राफेल के लिए चुनौती पेश करेगा तो वहीं HQ-19 मिसाइल सिस्‍टम S-400 को टक्‍कर दे सकता है. दूसरी तरफ, एयरक्राफ्ट कैरियर और फाइटर जेट प्रोडक्‍शन के मामले में भी चीन कहीं आगे है.

जानकारी के अनुसार, 12-17 नवंबर को झुहाई में होने वाला चीन का एयरशो 2024 अल्‍ट्रा मॉडर्न मिलिट्री टेक्‍नोलॉजी की एक प्रदर्शनी से कहीं अधिक है. यह भारत सहित पूरे एशिया-पैसिफ‍िक एरिया में चीन की बढ़ती शक्ति की चेतावनी का एक प्रदर्शन होने वाला है. एयरशो में HQ-19 (सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्‍टम), J-35A स्टील्थ फाइटर जेट (रडार की पकड़ में न आने वाला) और J-15T जेट (एयरक्राफ्ट कैरियर बेस्‍ड फाइटर जेट) समेत उन्नत मिलिट्री इक्विपमेंट को दुनिया के सामने लाया जाएगा. यह एयरशो डिफेंस सेक्‍टर में चीन की बढ़ती ताकत को दिखाएगा जो इस रीजन की सुरक्षा और स्‍थायित्‍व को प्रभावित कर सकता है.

HQ-19 मिसाइल सिस्‍टम
एयरशो-2024 की असाधारण विशेषताओं में से एक HQ-19 मिसाइल सिस्‍टम है. यह मॉडन्र विपन चीन की रिजनल सिक्‍योरिटी को दुरुस्‍त करेगा. इस सिस्‍टम को बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है. हाइपरसोनिक और अन्‍य बैलिस्टिक मिसाइल के खतरों को रोकने के साथ ही HQ-19 हाई-स्‍पीड अटैक को विफल करने में भी सक्षम है. HQ-19 मिसाइल सिस्‍टम की रेंज लंबी है. इसे आसमान से भी लॉन्‍च किया जा सकता है. खास बात यह है कि यह सिस्‍टम बॉर्डर से बाहर तक प्रभावी रह सकता है. HQ-19 मिसाइल खतरों को रोक सकता है, इसलिए यह रूस निर्मित S-400 को चुनौती देने में सक्षम है. बता दें कि भारत ने रूस से S-400 डिफेंस सिस्‍टम हासिल करने के लिए करार किया है.