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रसोई का बजट बिगाड़ने वाले प्‍याज का कम होने लगा रेट, अभी और कितना गिरेगा भाव

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प्‍याज पिछले काफी दिनों से आम आदमी की पहुंच से बाहर था. देश के कई शहरों में प्‍याज की खुदरा कीमत 80 रुपये किलो तक पहुंच गई. इस महीने देश की सबसे बड़ी प्‍याज मंडी, लासलगांव में प्‍याज की थोक कीमत पांच साल के उच्‍चतम स्‍तर पर जा पहुंची. लेकिन, अब राहत भरी खबर आई है. प्‍याज की कीमतें अब नीचे आने शुरू हो गई है. नई दिल्‍ली में सोमवार को जहां रिटेल में प्‍याज औसतन 67 रुपये प्रति किलो बिक रहा था, वहीं उसका भाव अब घटकर 63 रुपये किलो हो चुका है. सरकारी अधिकारियों और प्‍याज व्‍यापारियों का कहना है कि आगे प्‍याज के भाव में और कमी होगी.

सरकार का कहना है कि अगले 1-2 हफ्तों में कीमतों में और गिरावट आएगी, क्योंकि बिहार और झारखंड से मजदूर त्योहारी छुट्टियों के बाद प्याज उत्पादक केंद्रों पर लौटने लगे हैं. इसके अलावा, राजस्थान, विशेष रूप से अलवर से प्याज की आपूर्ति बढ़ने से भी कीमतों में कमी आएगी.

ट्रेन से दिल्‍ली आ रहा प्‍याज
सरकारी सहकारी संस्थाएं नैफेड और एनसीसीएफ ने देश की राजधानी दिल्‍ली में प्‍याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए ट्रेनों के जरिए प्‍याज मंगवा रही है. ट्रेनों के जरिए 3,170 टन प्याज दिल्ली-एनसीआर में पहुंचाया जाएगा. टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “12 नवंबर को 730 टन प्याज लेकर एक ट्रेन दिल्ली पहुंची और शनिवार को 840 टन प्याज की एक और खेप राजधानी पहुंचेगी. यह नई आपूर्ति खुदरा बाजार में दखल के लिए इस्तेमाल की जाएगी. हमें उम्मीद है कि अगले 7-10 दिनों में कीमतों में और गिरावट आएगी.”

मजदूरों की कमी ने बढ़ाई मुश्किलें
त्योहारी सीजन के दौरान, नासिक में प्याज की छंटाई के लिए मजदूरों की कमी के कारण आपूर्ति बाधित हुई थी. प्याज की छंटाई मैन्युअल रूप से की जाती है, जिसमें आकार, गुणवत्ता और अन्य मापदंडों का ध्यान रखा जाता है. आजादपुर मंडी के प्याज व्यापार संघ के अध्यक्ष श्रीकांत मिश्रा ने कहा, “प्याज की कीमतों में स्थिरता आने में एक महीने का समय लग सकता है. इस साल कीमतें असामान्य रूप से ऊंची रही हैं. खरीफ फसल की आवक से कीमतों में कमी की उम्मीद है. अगले कुछ दिनों में आपूर्ति बढ़ने से स्थिति में सुधार होगा.