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बघमार में पाँच दिसम्बर से तीन दिवसीय  कंगला मांझी महोत्सव अनेक विशिष्ट जनों का होगा सम्मान

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कंगला मांझी के नाम से लोकप्रिय छत्तीसगढ़ के आदिवासी जननायक हीरासिंहदेव  की स्मृति में पाँच दिसम्बर से 07 दिसम्बर  2024 तक  तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन गौरव ग्राम बघमार में किया जाएगा। बालोद जिले के अंतर्गत डौंडीलोहारा तहसील  के इस गांव में कंगला मांझी अपने जीवन के तीस वर्ष बिताकर यहीं की मिट्टी में मिल गए। वे मूल रूप से कांकेर जिले के ग्राम कुरूटोला  के थे। 

 इस आयोजन से जुड़े छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. परदेशीराम वर्मा ने आज बताया कि कंगला मांझी ब्रिटिश युग में  अंग्रेज अफसरों से गाँव  की खेती के लिए पहली लड़ाई मोल लेकर आदिवासी समाज के संघर्ष शील नेता के रूप में उभरे थे. कंगला मांझी  न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश के आठ प्रान्तों में जननायक के रूप में पूजे जाते हैं। उन्होंने आजाद हिन्द फौज के सैनिकों की तरह अपने आदिवासी सहयोगियों को गणवेश दिया। वे गायक और बड़े संगठनकर्ता थे। कंगला मांझी सरकार का गठन उन्होंने 1935 में कर दिया था। आज भी उनके सैनिक बड़ी संख्या में तीन दिन मांझी धाम में एकत्र होकर परेड करते हैं। उनके जाने के बाद उनके पुत्र कुंभदेव कांगे सैनिकों का नेतृत्व करते हैं।

   डॉ. परदेशी राम वर्मा ने बताया कि ग्राम बघमार में तीन दिवसीय महोत्सव के प्रथम दिवस पर पाँच  दिसंबर को आदिवासी सैनिकों को कंगला मांझी शौर्य सम्मान दिया जाएगा। नामदेव किरसान, सांसद गढ़चिरौली लोकसभा क्षेत्र (महाराष्ट्र) मुख्य अतिथि होंगे। राजमाता  फुलवादेवी अध्यक्षता करेंगी। यह कार्यक्रम 07 बजे शाम  को होगा। दूसरे दिन 06 दिसंबर को दोपहर दो बजे अगासदिया सम्मान समारोह होगा। छत्तीसगढ़ के छह सुप्रसिद्ध विशिष्ट जनों  को प्रदेश के पुरखों की स्मृति में सम्मानित किया जाएगा। इस आयोजन में आदिवासी शिक्षाविद चूड़ामणि पात्र को अगासदिया कंगला मांझी सम्मान दिया जाएगा। साहित्यकार डॉ. सोनाली चक्रवर्ती स्वयंसिध्दा की यशस्वी संगठनकर्ता एवं साहित्यकार हैं। उन्हें मिनी माता सम्मान दिया जाएगा। कमलेश चंद्राकर बाल कविताओं के उल्लेखनीय कवि हैं। उन्हें नारायणलाल परमार सम्मान दिया जाएगा। रामनाथ साहू उपन्यासकार, कथाकार तथा अनुवादक हैं। उन्हें छत्तीसगढ़ के सपूत हरि ठाकुर की स्मृति में सम्मान प्रदान किया जाएगा। चोवाराम बादल ने छत्तीसगढ़ी भाषा में रामायण लिखकर यश अर्जित किया है। उन्हें संत पवन दीवान सम्मान प्रदान किया जाएगा। बालोद जिले  के गांव कोहंगाटोला के  साहित्यकार,   किसान और चिकित्सक डॉ. अशोक आकाश को शहीद दुर्वाशालाल निषाद की स्मृति में सम्मानित किया जाएगा। कंगला मांझी पर केन्द्रित पुस्तक का विमोचन राजमाता फुलवादेवी एवं अतिथिगण करेंगे। इस अवसर पर आदिवासी समाज के प्रमुख  समाज सेवक अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। साथ ही इस मंच से जुड़े चिकित्सक और  शिक्षा शास़्त्री भी सम्मान-मंच पर उपस्थिति देकर लोगों को सम्बोधित करेंगे।

   डॉ. वर्मा ने बताया कि मत्स्य विभाग के निदेशक नारायणसिंह नाग, पशुपालन  विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. कार्तिक ध्रुव, पूर्व लोकसेवा आयोग अध्यक्ष बी.एल. ठाकुर, आदिवासी समाज के प्रभावी जन सेवक बी.एल. ध्रुव, हलबा समाज के पूर्व अखिल भारतीय अध्यक्ष जी. आर. राना तथा,  पूर्व कमिश्नर श्री पैकरा जी सहित फ़िल्म अभिनेता डॉ. अजय सहाय, साहित्यकार बद्रीप्रसाद पारकर,भारतीय सेना के शहीद दुर्वाशा लाल निषाद के पिता मुनीलाल निषाद और  शिक्षाविद श्रीमती रजनी नेल्सन अतिथि के रूप में मंचासीन होंगे। कार्यक्रम संचालन महेश वर्मा एवं राजीव उइके करेंगे। 

             इस अवसर पर आदिवासी समाज के कलाकारों के साथ ही आदिवासी नृत्य में सिध्दि प्राप्त चर्चित दलों के कलाकार प्रदर्शन देंगे। सम्मान कार्यक्रम दोपहर दो बजे प्रारंभ होगा। महोत्सव के अंतर्गत 7दिसम्बर को मेला -मड़ाई का आयोजन किया जाएगा. इसमें विधायक और पूर्व मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिया को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.