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यात्री कृपया ध्‍यान दें! IRCTC ने बंद कर दी है यह सुविधा, अब वापस नहीं मिलेगा पैसा, रेलवे ने खुद किया खुलासा

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भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों को दी जाने वाली एक बहुत ही महत्‍वपूर्ण सुविधा बंद कर दी है. इसका खुलासा रेलवे ने खुद एक सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी में किया है. इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्‍म कॉरपोरेशन (IRCTC) ने आरटीआई के जवाब में बताया है कि ट्रेनों की देरी पर मिलने वाली रिफंड की सुविधा बंद कर दी गई है. जाहिर है कि अब ट्रेन लेट होने पर आप अपने टिकट के पैसे पर रिफंड का दावा नहीं कर सकेंगे.

आईआरसीटीसी ने बताया कि कुछ समय पहले ही प्राइवेट ट्रेनों के लेट होने पर रिफंड की सुविधा बंद कर दी गई थी. रेल मंत्रालय की ओर से गठित आईआरसीटीसी ही टिकट बुकिंग और प्राइवेट ट्रेनों की सभी सुविधाओं का संचालन करती है. लेकिन, यात्रियों को अब ट्रेन लेट होने पर सिर्फ सरकारी ट्रेनों के टिकट पर ही रिफंड मिलेगा, जबकि प्राइवेट ट्रेनों के लेट होने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा.

रिफंड मिलता है लेकिन…
आईआरसीटीसी के अनुसार, ट्रेन लेट होने रिफंड की स्‍कीम के तहत 4 अक्‍टूबर, 2019 से 16 फरवरी, 2024 के बीच करीब 26 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी गई है. अकेले वित्‍तवर्ष 2023-24 में ही 15.65 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति यात्रियों को दी गई है. हालांकि, प्राइवेट ट्रेनों के देरी से चलने पर क्षतिपूर्ति की सुविधा को 15 फरवरी, 2024 से ही बंद कर दिया गया है.

रेलवे के पास कितनी प्राइवेट ट्रेनें
आईआरसीटीसी ने ट्रेन लेट होने पर रिफंड तो बंद कर दिया है, लेकिन इसका कारण बताने से मना कर दिया है. भारतीय रेलवे अभी तेजस नाम से दो प्राइवेट ट्रेनें चलाती है. एक ट्रेन नई दिल्‍ली से लखनऊ तक चलती है, जो 4 अक्‍टूबर, 2019 से शुरू की गई थी. दूसरी तेजस ट्रेन अहमदाबाद से मुंबई के बीच चलती है, जिसे 17 जनवरी, 2020 को शुरू किया गया था.

किस साल कितना रिफंड दिया
रेलवे की ओर से रिफंड दिए जाने की बात करें तो 2019-20 में 1.78 लाख रुपये का रिफंड दिया गया, जबकि 2020-21 में शून्‍य रिफंड रहा. अगले साल 2021-22 में 96 हजार रुपये की क्षतिपूर्ति यात्रियों को दी गई तो 2022-23 में 7.74 लाख रुपये का रिफंड दिया गया. पिछले वित्‍तवर्ष 2023-24 में आईआरसीटीसी ने 15.65 लाख रुपये का रिफंड दिया गया है.

कितना मिलता है रिफंड
आईआरसीटीसी ने बताया कि अगर ट्रेन 1 से 2 घंटे लेट होती है तो 100 रुपये की क्षतिपूर्ति दी जाती है, जबकि 2 से 4 घंटे लेट होने पर क्षतिपूर्ति की राशि 250 रुपये हो जाती है. अगर कोई यात्री ट्रेन लेट होने की वजह से टिकट कैंसिल कर देता है तो उसे किराये की पूरी राशि लौटा दी जाती है. ऐसे यात्रियों को पानी और खाने की सुविधा भी रेलवे की तरफ से दी जाती है.