छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को रायपुर में तेलीबांधा से वीआईपी चौक तक डिवाइडर निर्माण का मामला उठा. पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने इस मामले में सदन में संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति बनाकर जांच कराने के साथ दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही. बता दें कि तेलीबांधा से वीआईपी चौक तक डिवाइडर निर्माण का मामला लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से उठाया था.
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने दो करोड़ रुपए का अवैध टेंडर का मामला उठाते हुए कहा कि देश में पहली बार जादू से सड़क बन गई. इस सड़क से मुख्यमंत्री की, नेताओं की, अफ़सरों की गाड़ियाँ चलती है. वो कौन सा आदमी है, जिसके जादू के प्रभाव में इधर-उधर सभी है. अजय चंद्राकर ने पूछा कि नेशनल हाईवे पर रोड बना रहे थे. इसके पहले क्या अनुमति ली गई थी.
पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कहा कि 13 जून 2022 को नगर निगम ने एनएचएआई को पत्र लिखा था. एनएचएआई ने पत्र का जवाब भी दिया. अफ़सरों की टीम ने मौक़े का जायज़ा भी लिया था. काम कौन कर रहा है ये पता नहीं चला. काम को निरस्त कर दिया गया. नगर निगम के अनटाइड फंड से इसका निर्माण किया जा रहा था.
अरुण साव ने कहा कि संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय जांच समिति बनाकर जांच की जाएगी. दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. अजय चंद्राकर ने कहा कि दो करोड़ के टेंडर को दस टुकड़ों में किया था. जांच समिति में रायपुर शहर के विधायकों को भी शामिल किया जाए.