प्रदेश में होटल, मोटल और रिसॉर्ट का निर्माण और संचालन का मामला सदन में उठा. पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तुलना हिमाचल, उत्तराखंड, केरल जैसे राज्यों से नहीं कर सकते. राज्य में आने वाले समय में हम ऐसी पॉलिसी बनायेंगे कि पीपीपी मॉडल पर प्राइवेट लोगों को लाकर पर्यटन को बढ़ावा देंगे.
नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने पूछा कि 42 होटल, मोटल और रिसॉर्ट बनाए गए थे. सरकार ने ज़मीन दी थी. 150 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. इन होटल, मोटल और रिसॉर्ट का क्या हुआ? पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि 18 का संचालन पर्यटन विकास निगम कर रहा है. 14 लीज पर है, और बाक़ी को लीज पर देने की तैयारी चल रही है.
महंत ने पूछा कि 22 मोटल, होटल और रिसॉर्ट की जानकारी दी गई है. आधे का बता दिया, आधा कहाँ गया? ज़मीन पर है या ऊपर चली गई? लीज पर दिए गए होटल, मोटल और रिसॉर्ट से कितनी राशि मिली? पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि लीज पर दिए गए होटल, मोटल और रिसॉर्ट से 2 करोड़ 42 लाख रुपए की रॉयल्टी मिली.
भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि संचालन नहीं होने की वजह से होटल, मोटल और रिसॉर्ट कबाड़ की तरफ़ बढ़ रहा है. कलेक्टरों को निर्देश दे दीजिए कि उसे दुरुस्त कर दें. टूरिस्ट जो आते हैं उन्हें कई सुविधा नहीं मिलती. बियर बार का प्रावधान करायें. कुछ नहीं कर पा रहे तो कम से कम आसपास के गांव की स्व-सहायता समूह की महिलाओं को दे दें कि दाल भात सेंटर शुरू कर दें.
पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की तुलना हिमाचल, उत्तराखंड, केरल जैसे राज्यों से नहीं कर सकते. राज्य में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए हमें सब्सिडी देनी होनी. राज्य में पर्यटन के लिए आठ-दस हजार करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, तब जाकर पर्यटन का विकास हो सकेगा. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि एक बस सर्किट बनाइए. लोगों को दर्शन कराए. इन होटल, मोटल और रिसॉर्ट का उपयोग भी होगा.