Home राष्ट्रीय खाने का तेल हो गया सस्ता, आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट

खाने का तेल हो गया सस्ता, आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट

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आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है. भारी आवक के बीच दिल्ली के तेल-तिलहन बाजार में सोमवार को पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबले सरसों तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई जबकि आयातित खाद्यतेलों की आपूर्ति कम रहने के बीच सोयाबीन तेल तिलहन, कच्चा पामतेल (CPO) एवं पामोलीन तथा बिनौला तेल के भाव में तेजी रही. ऊंचे दाम पर लिवाली प्रभावित रहने के बीच मूंगफली तेल-तिलहन के भाव अपरिवर्तित रहे.

शिकागो और मलेशिया एक्सचेंज में सुधार चल रहा है. बाजार सूत्रों ने कहा कि शनिवार के 9 लाख बोरी (कट्टा) के मुकाबले सोमवार को सरसों की आवक बढ़कर लगभग सवा 13 लाख बोरी हो गई. गरीब किसानों की मजबूरी है कि वे अपनी फसल रोक कर नहीं रख पाते क्योंकि उन्हें आगे की जरुरतों के लिए धन की आवश्यकता होती है और मजबूरीवश वे एमएसपी से भी कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं. अब अगर सरकार एमएसपी पर खरीद करे भी तो यह देखना होगा कि सीमांत किसानों की सरसों के काफी उपज तो निकल चुकी है यानी एमएसपी पर सरकार की खरीद होती है तो फायदा सीमित किसानों का ही होगा. यही हाल सोयाबीन, बिनौला और मूंगफली का भी हुआ है.

एमएसपी से 10-12 फीसदी नीचे दाम पर बेचा जा रहा है सरसों
सूत्रों ने कहा कि इन समस्याओं की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित करने वाला कोई नजर नहीं आता. अगर यही हाल रहा तो आगे सोयाबीन, बिनौला, मूंगफली और सरसों की खेती गंभीर रूप से प्रभावित होगी. सरसों एमएसपी से 10-12 फीसदी नीचे दाम पर बेचा जा रहा है, बिनौला का लगभग 75 फीसदी माल बाजार में पहले ही एमएसपी से 10-12 फीसदी नीचे दाम पर खप चुका है. इसी तरह मूंगफली एमएसपी से 6-7 फीसदी नीचे दाम पर बिक रहा है. देशी सूरजमुखी एमएसपी से 30-35 प्रतिशत कम दाम पर बिक रहा है. सस्ते आयातित सोयाबीन तेल के आगे देशी सोयाबीन एमएसपी से 7-8 प्रतिशत नीचे दाम पर बिका है और बिक रहा है. इसके डी-आयल्ड केक (DOC) भी ना बिकने जैसी स्थिति है.

खाद्य तेलों की कमी अभी और बढ़ेगी
सूत्रों ने कहा कि आगे जाते हुए खाद्य तेलों की कमी अभी और बढ़ेगी. आखिर पाम, पामोलीन का महंगा होने के कारण आयात नहीं होगा तो इसकी कमी कौन से देशी तेल के पूरा करने की हैसियत है?बंदरगाहों पर सीपीओ का दाम शनिवार के 995-1,000 डॉलर टन से बढ़कर आज 1,015-1,020 डॉलर टन होने से पाम, पामोलीन में सुधार है. सोयाबीन डीगम के कम आयात से सोयाबीन तेल तिलहन के साथ साथ नरम तेलों की कमी के बीच बिनौला तेल कीमतों में भी सुधार है.

तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे-
सरसों तिलहन – 5,325-5365 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली – 5,975-6,250 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,500 रुपये प्रति क्विंटल
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,180-2,455 रुपये प्रति टिन
सरसों तेल दादरी- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल
सरसों पक्की घानी- 1,725-1,825 रुपये प्रति टिन
सरसों कच्ची घानी- 1,725 -1,830 रुपये प्रति टिन
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,800 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 10,500 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 9,200 रुपये प्रति क्विंटल
सीपीओ एक्स-कांडला- 9,100 रुपये प्रति क्विंटल
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,450 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 10,200 रुपये प्रति क्विंटल
पामोलिन एक्स- कांडला- 9,300 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल
सोयाबीन दाना – 4,635-4,655 रुपये प्रति क्विंटल
सोयाबीन लूज- 4,435-4,475 रुपये प्रति क्विंटल
मक्का खल (सरिस्का)- 4,075 रुपये प्रति क्विंटल

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