भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के एक छात्र को कथित तौर पर आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के प्रति निष्ठा रखने के मामले में रविवार को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि आईआईटी-गुवाहाटी के दो छात्रों की पहचान आईएसआईएस से संबंध रखने और समूह में शामिल होने की कोशिश करने वाले के रूप में की गई है, लेकिन उनमें से एक अभी तक ‘गायब’ है.
असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि एक संदिग्ध की पहचान तौसीफ अली फारूकी जैवविज्ञान विभाग के बीटेक चौथे वर्ष के छात्र के रूप में हुई है और उसे शनिवार को हिरासत में लिया गया. उससे पूछताछ के बाद पुलिस को आईएसआईएस के साथ उसके संबंधों के विश्वसनीय सबूत मिले और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
महंत ने बताया, ‘हमने उसे अदालत में पेश किया, जहां से उसे 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. हमने आईआईटी, गुवाहाटी परिसर में स्थित उसके छात्रावास के कमरे की भी तलाशी ली.’ उन्होंने बताया कि मूल रूप से दिल्ली निवासी फारूकी को भारतीय दंड संहिता और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारी ने बताया कि उसे शनिवार को कामरूप जिले के हाजो से तब हिरासत में लिया गया जब वह कथित तौर पर आतंकवादी समूह के प्रति निष्ठा रखने के बाद आईएसआईएस में शामिल होने जा रहा था. फारूकी को ‘आईएसआईएस-इंडिया’ के प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को बांग्लादेश से भारत में दाखिल होने के बाद असम के धुबरी जिले से गिरफ्तार किए जाने के तीन दिन बाद हिरासत में लिया गया था.