Home राष्ट्रीय बाज नहीं आ रहा अमेरिका….केजरीवाल मामले पर फिर टिप्‍पणी

बाज नहीं आ रहा अमेरिका….केजरीवाल मामले पर फिर टिप्‍पणी

50

दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तरी के बाद अमेरिका की तरफ से बयान आया था. भारत ने इसपर करारा पलटवार करते हुए वॉशिंगटन को नसीहत दी थी कि दूसरे मामले में हस्‍तक्षेप करना अच्‍छी बात नहीं है. भारतीय कानून स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका के अधीन काम करता है. इसके बावजूद अमेरिका अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. अब अमेरिकी विदेश विभाग ने कांग्रेस के बैंक खाते फ्रीज करने पर टिप्‍पणी की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मैथ्‍यू मिलर ने कहा कि कांग्रेस का बैंक अकाउंट फ्रीज करने पर भी हमारी नजर है. अमेरिका का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब भारत ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर की गई टिप्‍पणी को कड़ी आपत्ति जता चुका है.

भारत की कड़ी आपत्ति जताने के बावजूद अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर फिर बयान दिया है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मैथ्‍यू मिलर ने कांग्रेस के बैंक अकाउंट को फ्रीज करने पर भी बयान दिया है. उन्‍होंने कहा कि दोनों मसलों पर होने वाली कार्रवाई पर हमारी नजदीक से नजर है. हम इन दोनों मामलों में पारदर्शी और समयबद्ध कानूनी प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं. बता दें कि कांग्रेस ने अपने बैंक खाते फ्रीज करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं ने कुछ दिनों पहले कहा था कि बैंक खाते फ्रीज होने की वजह से उनके नेता न तो यात्रा कर पा रहे हैं और न ही चुनाव प्रचार कर पा रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि बैंक खाते फ्रीज होने की वजह से फंड की कमी हो गई है.

‘दूसरे देशों के मामलों में दखल उचित नहीं’
इससे पहले अमेरिका ने दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर भी टिप्‍पणी की थी. अमेरिका के विदेश विभाग ने केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्‍पणी की जिसका भारत ने माकूल जवाब दिया था. भारत ने अमेर‍िकी विदेश विभाग की टिप्‍पणी पर सख्‍त ऐतराज जताया. विदेश मंत्रालय ने भारत में अमेरिका की उपराजदूत ग्‍लोरिया बेरबेना को तलब किया. भारत ने स्‍पष्‍ट शब्‍दों में कहा कि दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में दखल देना कतई उचित नहीं है.

‘संदेह जताना अवांछित’
दिल्‍ली शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कुछ दिनों पहले गिरफ्तार किया था. अमेरिकी विदेश विभाग ने इस मसले पर कहा था कि उनकी पूरे घटनाक्रम पर नजर है. अब भारत ने अमेरिका के इस रुख पर कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘हम अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्‍ता द्वारा भारतीय कानूनी प्रक्रिया पर की गई टिप्‍पणी का पुरजोर विरोध करते हैं. कूटनीति में अमेरिका को दूसरे देशों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्‍मान करना चाहिए. लोकतंत्र में यह जिम्‍मेदारी और बढ़ जाती है. यदि ऐसा नहीं होता है तो इससे गलत उदाहरण पेश होगा. भारत की कानूनी प्रक्रिया स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका पर आधारित है. इस पर संदेह जताना अवांछित है.’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here