जिले में निर्वाचन अधिकारी ने लोकसभा चुनाव के लिए गठित मतदान दल में भी समानता का संतुलन बनाए रखने इस बार महिला मतदान दल की संख्या को बढ़ा कर 52 कर दिया है. इसके अलावा 10 मतदान केंद्र में केवल युवा कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है, जबकि 2 मतदान केंद्र ऐसे हैं जहां दिव्यांग कर्मी मतदान कराते नजर आएंगे. विशेष मतदान में शामिल सभी मतदान कर्मियों का प्रशिक्षण भी पूरा करा लिया गया है. विशेष बूथों की आकर्षक साज सज्जा के भी निर्देश जिला निर्वाचन अधिकारी दीपक अग्रवाल ने मातहतों को दिया है. जिले में कुल 573 मतदान केंद्र हैं, जहां 4 लाख 58 हजार मतदाता 26 अप्रैल को मतदान करेंगे.
प्रशिक्षण में मतदान अधिकारियों को सफलतापूर्वक मतदान सम्पन्न कराने मास्टर ट्रेनरों की ओर से विभिन्न निर्वाचन प्रक्रियाओं की जानकारी दी गई. इस दौरान कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल ने प्रशिक्षण में पहुंचकर लोकसभा निर्वाचन अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले मतदान दलों के अधिकारियों को जिले में निष्पक्ष, पारदर्शी निर्वाचन के लिए प्रेरित किया. उन्होंने मतदान दलों के अधिकारियों से कहा कि किसी भी कार्य को बहुत सरल और बहुत कठिन नहीं समझना चाहिए. निर्वाचन का कार्य चरणबद्ध तरीकों पर आधारित वह प्रक्रिया है, जो कि प्रशिक्षण पर टिका है. मतदान दल के अधिकारी जितने गंभीरता से प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, उनके लिए निर्वाचन कराना उतना ही आसान हो जाएगा.
उन्होंने निर्वाचन कार्य की सम्पूर्ण जिम्मेदारी संभालने वाली महिलाओं, दिव्यांग और युवा कर्मियों को चुनाव कार्य से न घबराने की बात कहते हुए आत्मविश्वास के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करने और निर्वाचन आयोग की दिशा-निर्देशानुसार प्रक्रिया का पालन करते हुए निर्वाचन के कार्य को सफलता पूर्वक संपन्न कराने प्रेरित किया. कलेक्टर अग्रवाल ने आज से प्रारंभ हुए मतदान दलों के प्रशिक्षणार्थियों को निर्वाचन कार्य की गंभीरता और जिम्मेदारी से अवगत कराया. इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी राकेश कुमार गोलछा सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे.