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बायोटेक प्लांट में नियमों की उड़ रही धज्जियां, गांवाें में गहराया जल संकट, जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश

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राजधानी रायपुर से लगे आरंग के समीप ग्राम पंचायत भिलाई और ओड़का की सीमा पर मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी नामक एथेनॉल प्लांट विवादों में है. प्लांट की ओर से नियमों को ताक में रखकर काम करने का आरोप यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि लगा रहे हैं. प्लांट में अनेकों खामियां है, उसके बाद भी प्लांट का चालू होना समझ से परे हैं

ताजा मामला ग्राम पंचायत भिलाई,ओड़का सहित आसपास के क्षेत्रों में जलसंकट का है. प्लांट को शुरू हुए लगभग 6 माह हो चुके हैं, उसके बाद भी प्लांट में पानी की उचित व्यवस्था नहीं है. जानकारों की माने तो ऐसे बड़े-बड़े कारखानों में पानी की सप्लाई नदी-नालों के माध्यम से की जाती है, लेकिन मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से बोरवेल के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है. यहां लगभग 8 से 10 बोरवेल है, जिससे लगातार पानी की आपूर्ति की जा रही है. प्लांट में पानी के लिए बोर मशीन से 800 से 900 फिट तक खुदाई हुई है. इन बोरवेल से 24 घंटे लगातार पानी निकाला जा रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्र में जल संकट गहराता जा रहा है. किसानों की रबी फसल को भी इससे भारी नुकसान हो रहा है.

बढ़ते जलसंकट को देखते हुए क्षेत्र के जनप्रतिनिधि, जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच और ग्रामीणों ने जब प्लांट प्रबंधन को इससे अवगत कराने पहुंचे तो प्लांट में कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनसे मिलने नहीं आए. जनप्रतिनिधियों ने जब इसका विरोध किया तब एक कर्मचारी को उनसे बातचीत के लिए भेजा गया. काफी बहस और गहमागहमी से बाद जनप्रतिनिधियों ने पीएचई विभाग के एसडीओ दीपक कोहली के साथ प्लांट का निरीक्षण किया.

वहीं ग्राम पंचायत भिलाई के सरपंच जयनारायण साहू ने बताया कि प्लांट लगने के पहले किसी भी प्रकार की जनसुनवाई नहीं हुई, जबकि कही भी इस तरह बड़े उद्योग, कारखाना स्थापित की जाती है तो जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों में जनसुनवाई की जाती है.

रायपुर जिला पंचायत सदस्य रानी पटेल ने बताया कि इस संबंध में कई बार शिकायत किया गया, लेकिन मोदी बायोटेक प्रबंधन की मनमानी लगातार जारी है. यहां हुए बोरवेल के कारण आसपास के गावों में जल संकट गहरा गया है. यहां के खराब अपशिष्ट पदार्थ, निस्तारी नाले में बहाया जा रहा है, जिसके कारण पानी दूषित हो गया है और इसको पीने से जानवरों की मौत भी हो चुकी है. साथ ही पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से आरंग से नयापारा मुख्यमार्ग पर भारी वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.

वहीं जनपद सदस्य प्रतिनिधि रिंकू चंद्राकर ने मोदी बायोटेक प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए है. उन्होंने बताया कि प्लांट के लिए वैधानिक रूप से NOC नहीं लिया गया है. प्लांट प्रबंधन ने गोलमोल तरीके से कोटवार की जमीन को रजिस्ट्री करवा लिया है. साथ ही शासकीय जमीन को भी कब्जा कर लिया गया है. जब भी यहां कोई ग्रामीण, किसान या जनप्रतिनिधि अपनी समस्या लेकर आता है तो उसे सुना नहीं जाता, उल्टा उनके साथ दुर्व्यहार किया जाता है, उनको धमकियां दी जाती है.

वहीं इस पूरे मामले में मोदी बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी प्रबंधन की ओर से अपना पक्ष रखने कोई भी जिम्मेदार अधिकारी मीडिया के सामने नहीं आया.

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