प्रतीक चौहान. रायपुर. राजधानी रायपुर में भू-माफिया कितने हावी है ये किसी से छिपा नहीं है. निजी भूमि को लेकर तो जमीनों के विवादों की लिस्ट लंबी है, लेकिन अब पटावारी शासकीय भूमि भी भू-माफियाओं के साथ मिलकर उनके नाम कर रहे है. ऐसे ही एस मामले में भूपेश कुमार बंसत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी के आदेश के बाद राजधानी रायपुर के विधानसभा थाने में भू-माफिया, दलाल और पटवारी के खिलाफ 120-B-IPC, 34-IPC, 420-IPC, 467-IPC, 468-IPC, 471-IPC के तहत एफआईआर दर्ज हुई है. जिनके खिलाफ एफआईआर हुई है उसमें नेमीचंद माखिजा, अनिल माखिजा, प्रताप मथानी, नरेश ठाकुर ( तत्कालीन हल्का पटवारी) शामिल है.
दरअसल आरोपी नेमीचंद माखीजा, अनिल माखीजा, प्रताप मथानी और पटवारी नरेश ठाकुर पर आरोप है कि सड्डू की शासकीय भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिए, वहीं पास में आवेदन हरिवल्लभ अग्रवाल की जमीन भी है. उन्होंने इस मामले में कई बार शिकायत की औऱ इसी के आधार पर कोर्ट गए. जिसके बाद कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए.
पूरी FIR शब्दशः
मैं थाना विधानसभा रायपुर में उप निरीक्षक के पद पर पदस्थ हूं कि माननीय न्यायालय भूपेश कुमार बंसत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर छ.ग. के ज्ञापन क्रमांक क्यू/न्यायालय/2024 रायपुर दिनांक 19.03.2024 में थाना प्रभारी विधानसभा जिला रायपुर ने आवेदक हरिवल्लभ अग्रवाल पिता श्री रामदयाल अग्रवाल के द्वारा धारा 156(3) दंप्रसं के तहत माननीय न्यायालय में प्रस्तुत आवेदन पर अनावेदक/अभियुक्तगण 1. नेमीचंद माखीजा 2. अनिल माखीजा 3. प्रताप मथानी 4. नरेश ठाकुर के विरूद्ध 420,467,468,471,120बी,34 भादवि के तहत प्रथम सूचना पत्र दर्ज करने आदेशित किया गया है कि आदेश पर थाना प्रभारी महोदय द्वारा निर्देशित किये जाने पर आरोपीगणो के विरूद्ध अपराध धारा 420,467,468,471,120बी,34 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। नकल आवेदक हरिवल्लभ अग्रवाल द्वारा समक्ष माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी रायपुर छ.ग. द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्र नकल जैल है- समक्ष माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी रायपुर (छ.ग.) हरिवल्लभ अग्रवाल, उम्र 51 वर्ष, वल्द श्री राम दयाल अग्रवाल द्वारा पार्टनर महामाया कंस्ट्रक्शन सकुनत- 323 ए सुन्दर नगर रायपुर छ.ग. मो. 9425508080 आवेदक बनान शासन द्वारा थाना विधानसभा, रायपुर (छ.ग.) अनावेदक प्रस्तावित आरोपीगण 1. नेमीचंद माखिजा वल्द श्री परमानंद माखिजा सकुनत- झुलेलाल मंदिर के पास, ईदगाह भाठा, ठाकुर प्यारेलाल वार्ड, रायपुर छ.ग. 2. अनिल माखिजा वल्द श्री परमानंद माखिजा सकुनत- झुलेलाल मंदिर के पास, ईदगाह भाठा, ठाकुर प्यारेलाल वार्ड, रायपुर छ.ग. 3. प्रताप मथानी वल्द श्री सकुनत- राजेन्द्र तिवारी के घर के सामने, केलकर पारा, स्टेशन रोड, रायपुर छ.ग. 4. नरेश ठाकुर तत्कालीन हल्का पटवारी, प.ह.न 109 ग्राम सड्डू आवेदन अन्तर्गत धारा 156 (3) जा.फौ. आवेदक माननीय न्यायालय के समक्ष सविनय निम्नानुसार निवेदन प्रस्तुत करता है। 1.यह कि आवेदक एवं अनावेदक तथा प्रस्तावित आरोपीगण के नाम पते एवं अन्य विवरण आवेदन के शीर्षानुसार है, जो आवेदन की समस्त कार्यवाही हेतु उचित एवं पर्याप्त है। आवेदक नाम पते एवं पहचान संबंधी दस्तावेज आवेदन के साथ माननीय न्यायालय के अवलोकनार्थ संलग्न करता है जो संलग्नक 01 है। 2.यह कि आवेदक महामाया कंस्ट्रक्शन का भागीदार है। आवेदक की भागीदारी फर्म ग्राम सड्डु में खसरा नंबर 63/2, 63/4, 65/1.66/1-2-3-4-5, 315/3, 315/4 रकबा 2.770 हेक्टेयर भूमि स्वामी हक में स्थित है। जिससे संबंधित राजस्व अभिलेख की प्रति (संलग्नक 02) है। आवेदक के भूमि के उत्तर और पूर्व दिशा में प्रस्तावित आरोपी क्रमांक 01 की भूमि खसरा नंबर 67/1 एवं 67/2 रकबा 0.458 हेक्टेयर राजस्व नक्शे में स्थित है जिसे प्रस्तावित आरोपी कमांक 01 नेमीचंद माखिजा द्वारा पंजीकृत विक्रय विलेख दिनांक 16.05.1988 के माध्यम से क्रय किया गया था जिसमे उक्त विक्रय पत्र में संलग्न राजस्व नक्शे में क्रय शुदा भूमि स्पष्ट रूप से लाल स्याही से चिन्हांकित की गयी है। उक्त बैनामा की प्रति आवेदक न्यायालय के अवलोकनार्थ अपने परिवाद के साथ संलग्न करता है जो (संलग्नक 03) है। जिसे प्रस्तावित आरोपीगण नेमीचंद, उसके बड़े भाई अनिल माखिज, एवं जमीन दलाल प्रताप मथानी द्वारा अपने अन्य रिश्तेदारो के माध्यम से विक्रय कर कब्जा दे दिया गया है जिसमें रहवासी मकान बन गए है। 3.यह कि, उक्त प्रस्तावित आरोपी कमांक 01, 02, 03 द्वारा अपराधिक षडयंत्र कर एकराय होकर सदोष लाभ लेने के उद्देश्य से तत्कालीन प्रस्तावित आरोपी कमांक 04 पटवारी नरेश ठाकुर से अपराधिक साठ गाठ कर दिनांक 16.05.1988 में कय की गयी भूमि जिसे इनके द्वारा पूर्व में ही बिक्री कर कब्जा दे दिया गया है, के स्थान पर राजस्व नक्शे में कुटरचना कर अन्य स्थल जिसे छ.ग. गृह निर्माण मण्डल द्वारा निर्मित शासकीय ई.डब्ल्यु.एस. भवन कमांक 29, 30 जिसमें शासन द्वारा आबंटिती गरीब वर्ग के लोग वर्षों से निवास कर रहे है उक्त भवन खरीदी स्थल से अन्य भवन बने स्थल पर राजस्व नक्शे में गैर कानुनी तरीके से बंटाकित करवा लिया गया। तदसंबंध में बंटाकित नक्शे की प्रति संलग्नक 04 है। 4. यह कि, अपराधिक षडयंत्र के अनुक्रम में प्रस्तावित आरोपीगणो द्वारा स्थल पर बंटाकित कुटरचित नक्शे के आधार पर प्रस्तावित आरोपी कमांक 01 द्वारा सीमांकन आवेदन तहसीलदार रायपुर के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिसका सीमांकन प्रकरण कमांक 116/अ-12/वर्ष 2016-17 दर्ज किया गया, उक्त कुटरचित राजस्व नक्शे के आधार पर शासकीय ई. डब्ल्यु.एस. बने हुए भवन को अपराधिक षडयंत्र करते हुए सीमांकन प्रतिवेदन दिनांक 06.02.2017 में मौके पर भूमि पड़त है यह लिखवा लिया गया तदसंबंध में तहसील न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत सीमांकन आवेदन ज्ञापन पंचनामा के दस्तावेज संयुक्त रूप से संलग्नक 05 है। 5.यह कि, वास्तविकता यह है कि प्रस्तावित आरोपीगण द्वारा राजस्व पटवारी के साथ मिलकर तैयार कराये गये उक्त कुटरचित नक्शे की भूमि पर शासकीय भवन काफी वर्ष पूर्व से बना हुआ था तथा प्रस्तावित आरोपी की क्रय शुदा वास्तविक भूमि को प्रस्तावित आरोपीगणो द्वारा पूर्व में ही बिक्री किया जा चुका था इसी षडयंत्र के अनुक्रम में प्रस्तावित आरोपीगण द्वारा आवेदक की खाली भूमि पर सिमेन्ट के पोल लगाकर कब्जा करने का प्रयास किया गया जिसकी जानकारी होने पर आवेदक द्वारा तहसीलदार रायपुर के समक्ष लिखित आपत्ति कर प्रस्तावित आरोपी कमांक 01 नेमीचंद द्वारा कय शुदा भूमि का मूल बैनामा मंगाकर जांच किये जाने की मांग की गयी थी तदसंबंध में आवेदन की प्रति संलग्नक 06 है। यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि उक्त माँग को अनदेखा करते हुए तहसीलदार जागेश्वर कौशल द्वारा मूल बैनामा मंगाये जाने के आवेदन पर अंतरिम आदेश के स्थान पर नेमीचंद के सीमांकन प्रकरण में अंतिम आदेश विधि विरूद्ध पारित कर सीमांकन अनुमोदित कर दिया गया था। तदसंबंध में राजस्व प्रकरण कमांक 116/अ-12 वर्ष 2016-17 के राजस्व आदेश पत्रिका की प्रति संलग्नक 07 है। 6. यह कि, तहसीलदार के उक्त मनमाने अनुमोदन के विरूद्ध एवं कुटरचित नक्शे की अनदेखी किये जाने से व्यथीत होकर आवेदक द्वारा अपर कलेक्टर न्यायालय में पुनरीक्षण प्रस्तुत किया गया था तथा. इसके साथ ही आवेदक द्वारा कलेक्टर महोदय रायपुर छ.ग को भी लिखित शिकायत की गयी थी उक्त शिकायत की प्रति संलग्नक 08 है। आवेदक द्वारा प्रस्तुत उक्त शिकायत पर कलेक्टर महोदय के आदेश पर तहसीलदार रायपुर द्वारा राजस्व निरीक्षक एवं पटवारी की पांच सदस्यीय दल गठित कर उक्त सीमांकन के विवादित बिंदुओ की जांच करायी गयी थी। जिससे संबंधित आदेश पत्रिका तथा ज्ञापन की प्रति संयुक्त रूप से संलग्नक 09 है। 7. यह कि, उक्त जांच प्रतिवेदन दिनांक 12.01.2018 में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया था कि- उक्त बैनामा में सलंग्न नक्शा को वर्तमन चालू पटवारी नक्शे से मिलान किया गया। मिलान करने पर वर्तमान बटांकित नक्शा, बैनामा में संलग्न नक्शा मे भिन्नता होना तथा खरीदी बैनामा में दर्शित स्थल से हटकर अन्य हिस्से मे बटांकन होना पाया गया फिर स्थल पर वर्तमान बटांकित पटवारी नक्शे एवं बैनामा के नक्शे को चिन्हांकित कर मौका मिलान किया गया। मिलान के लिये स्थायी चांदा मुनारा दुरूस्त नही होने के कारण खसरा नंबर 60, 63 एवं 67/4 के तिमोडा तथा खसरा नंबर 66/3 के तिमोरा एवं खसरा नं 67/3 एवं खसरा नं. 67/5 के उत्तर पूर्वी कोना एवं 68 के दक्षिण पूर्वी कोने को आधार मानकर मौका का नाप किया गया, स्थल को उक्त तीनो आधारो से मिलान कर चिन्हांकित किया गया, चिन्हांकन कर किये गये नाप के अनुसार खसरा नंबर 67/1-2 में 0.233 हे. भूमि में छ.ग. गृह निर्माण मण्डल द्वारा निर्मित शासकीय ई.डब्ल्यू.एस. का तीन मंजिला भवन ब्लाक नं 29, 30 तथा रोड नाली निर्मित होना पाया गया। आवेदक अपने परिवाद के साथ न्यायालय के अवलोकनार्थ जच प्रतिवेदन की प्रति मय दस्तावेज संलग्न करता है जो संयुक्त रूप से संलग्नक 10 है। 8.यह कि, राजस्व निरीक्षक दल के प्रतिवेदन के पश्चात दिनांक 22.01.2018 को तहसीलदार रायपुर द्वारा जांच अधिकारी अपर कलेक्टर, रायपुर को प्रेषित प्रतिवेदन की कंडिका 05 में दिए गए जांच निष्कर्ष में लिखा है कि उपरोक्तानुसार जाचं दल के जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है कि केता नेमीचंद द्वारा खसरा नंबर 67 रकबा 0.458 हेक्टेयर कय की गई भूमि के बैनामे में दर्शित एवं पटवारी के चालू नक्शे में भिन्नता है जिसे छ.ग. भू राजस्व संहिता 1959 की धारा में निहित प्रावधानों के तहत दुरूस्त कर पूर्ववत् किया जाना उचित होगा। साथ ही हल्का पटवारी दिनांक 03.02.2017 को अनावेदक नेमीचंद के सीमांकन पर जो प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है, उसमें चालू नक्शे को आधार मानकर सीमांकन किया गया है और स्थल पर भूमि को पड़त होना बतलाया गया है। यह स्पष्ट करता है कि राजस्व निरीक्षक द्वारा गलत ढंग से जानबूझ कर इस तथ्य को छुपाया गया है कि उक्त स्थल पर छत्तीसगढ गृह निर्माण मंडल का मकान बना हुआ हैं। इससे इस तथ्य को भी बल मिलता है कि किसी हल्का पटवारी के द्वारा ही बिना सक्षम अधिकारिता के नक्शे में हेरफेर कर लाल रंग से चालू नक्शे को रेखांकित किया गया है। भू अभिलेखो में इस प्रकार की गई कुटरचना निःसंदेह अपराधिक श्रेणी का है एवं कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने योग्य है। तदसंबंध में आवेदक कलेक्टर को प्रेषित जाँच प्रतिवेदन की प्रति प्रस्तुत करता है जो संलग्नक 11 है। 9. यह कि. उक्त जांच प्रकरण कमांक 94/बी-121 वर्ष 2017-18 में जांच अधिकारी अपर कलेक्टर रायपुर द्वारा तहसीलदार रायपुर से चालू नक्शे में दुरूस्ती के समय कोण हल्का पटवारी प्रभार में थे कि जानकारी चाहे जाने पर सीलदार रायपुर द्वारा अपने प्रतिवेदन दिनांक 10.05.2018 की कंडिका 03 में यह स्पष्ट रूप से निष्कर्ष जांच अधिकारी अपर कलेक्टर रायपुर को दिया गया है कि नेमीचंद पिता परमानंद की प्रश्नाधीन भूमि में कूटरचना नेमीचंद द्वारा सदोष लाभ लेने के लिए वर्ष 2010 के आस पास करवाया गया है उक्त समय ग्राम सड्डु के हल्का पटवारी श्री नरेश ठाकुर था तदसंबंध में आदेश पत्रिका दिनांक 10.05.2018 की प्रति संलग्नक 12 है। 10. यह कि, यहाँ पर यह उल्लेखनीय है कि प्रस्तावित आरोपी नेमीचंद के आवेदन पर राजस्व नक्शे मे प्रस्तावित आरोपी नेमीचंद एवं राजस्व अधिकारियो द्वारा अपराधिक षंडयंत्र कर तैयार करवाए गये कुटरचित नक्शे के आधार पर तैयार आक्षेपित सीमांकन में राजस्व निरीक्षक द्वारा उक्त भूमि को पड़त भूमि अर्थात् खुली भूमि बताया गया था। यहाँ पर यह भी बताया जाना जरूरी है कि कलेक्टर महोदय रायपुर द्वारा कराये गये उक्तानुसार जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हैं कि, प्रस्तावित आरोपी नेमीचंद एवं अन्य द्वारा तत्कालीन पटवारी नरेश ठाकुर के साथ मिलीभगत कर राजस्व नक्शे मे छेडछाड कर कुटरचना की गयी है और सदोष लाभ अर्जित करने के लिये शासकीय भूमि पर बने हुए ई.डब्ल्यू.एस. भवन को पडत भूमि बताकर राजस्व नक्शे में छेडछाड कर कुटरचना एवं धोखाधड़ी का अपराधिक कृत्य कारित किया गया है। यहां पर यह भी बताया जाना जरूरी है कि इस संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने हेतु अपर कलेक्टर रायपुर द्वारा कलेक्टर महोदय के निर्देशानुसार उक्त कुटरचना के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराये जाने का आदेश भी पारित किया गया हैं। जिसके संबंध में आदेश दिनांक 19.07.2018 की प्रति संलग्नक 13 है। जिसमें महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है, प्रस्तावित आरोपी नेमीचंद द्वारा पंजीकृत खरीदी बैनामा दिनांक 16.05.1988 के द्वारा खरीदी की गई भूमि को अपने रिश्तेदारों प्रस्तावित आरोपीगण तथा अन्य के माध्यम से वर्षों पूर्व बिक्री कर दिया गया है जिसमे केताओ के मकान बन चुके है।