Home राष्ट्रीय राजा भैया की राजनीतिक चुप्पी बनी सियासी दलों की टेंशन, बाहुबली विधायक...

राजा भैया की राजनीतिक चुप्पी बनी सियासी दलों की टेंशन, बाहुबली विधायक के साइलेंट होने से दिलचस्प हुई सियासी जंग

17
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछ रही है. सियासी दलों के प्रत्याशी चुनावी गुणा गणित करने में जुटे हुए हैं. प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया इस लोकसभा चुनाव में सियासी चुप्पी राजनीतिक दलों की टेंशन बढ़ा रहा है. दरअसल प्रतापगढ़ में कोई भी चुनाव हो राजा भैया की चर्चा न हो, ऐसा नहीं हो सकता है. प्रतापगढ़ के रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल ने अभी तक लोकसभा चुनाव लड़ने का कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया है. राजा भैया की पार्टी कौशांबी लोकसभा से चुनावी समर में उतरने की तैयारी कर रही थी, लेकिन जैसे ही भाजपा और जनसत्ता दल के बीच गठबंधन के अटकलों पर विराम लगा है, तब से राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल में खामोशी छा गई है.
कौशांबी लोकसभा से चुनाव लड़ने को लेकर सस्पेंस है. ऐसे में भाजपा और सपा गठबंधन राजा भैया की सियासी चुप्पी को लेकर बेचैन है. नामांकन के पहले ही चर्चाओं का बाजार गर्म है. चर्चा है कि राजा भैया की पार्टी अगर कौशांबी लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ी तो किस पार्टी को सियासी नफा नुकसान होगा, बस इसी बात को लेकर सियासी दल भी बेचैन है.
भाजपा और जनसता दल में नहीं बन सका गठबंधन!
कौशांबी लोकसभा में कई महीनो से चर्चा थी कf राजा भैया पार्टी और जनसत्ता दल के बीच सियासी खिचड़ी पक रही है. दोनों दलों के बीच 1 सीट पर गठबंधन होने की चर्चा थी, लेकिन भाजपा ने तीसरी बार विनोद सोनकर को चुनावी मैदान में उतार कर चर्चाओं के बाजार पर विराम लगा दिया. 2019 के लोकसभा चुनाव में राजा भैया ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल से शैलेंद्र को चुनावी मैदान में उतारा था. राजा भैया ने कौशांबी में जमकर प्रचार भी किया था, लेकिन जनसत्ता दल को चुनाव में हार मिली थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here