लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बाद नक्सली प्रभावित सुदूर अंचलों से मतदान दलों की सकुशल वापसी हो गई है. अबकी बार चुनाव में नक्सलियों की गीदड़ भभकी का असर आदिवासी इलाकों में देखने को नहीं मिला. नक्सलियों के मतदान के बहिष्कार के एलान भी लोगों ने बेखौफ मतदान किया, जिसकी वजह से राज्य में मतदान का प्रतिशत बढ़ा है.
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि अन्य राज्यों में जहाँ 4-5% मतदान कम हुआ है, तो वहीं छत्तीसगढ़ के तीन लोकसभा सीट में 2% प्रतिशत दूसरे चरण में बढ़ा है. दूसरे चरण में 76.24 प्रतिशत मतदान हुआ. इसमें राजनांदगांव में 70.42 प्रतिशत, महासमुंद में 75.2 प्रतिशत और कांकेर में 76.23 प्रतिशत मतदान हुआ.
अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इतनी गर्मी के बाद भी लोग घर से निकलकर मतदान किए. मतदान प्रतिशत बढ़ाने का भी एक बड़ा कारण है. मतदान केंद्रों में गर्मी को ध्यान में रखते हुए समुचित व्यवस्था की गई थी. मतदान केंद्रों में छाया की व्यवस्था, कुर्सी की व्यवस्था, पानी की व्यवस्था की उचित व्यवस्था की गई थी.
नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने बताया कि मतदान से लौट रहे एक मतदानकर्मी की एक्सीडेंट में मौत हुई है. एक जवान की खुद को गोली मारने की खबर आयी है. नियमानुसार इन मृतकों को मुआवज़ा राशि दी जाएगी.