छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ जांजगीर चांपा जिले के करीब दो दर्जन छात्र किर्गिस्तान के हॉस्टल में चार दिनों से कैद हैं. किर्गिस्तान में हिंसा के बाद क्षेत्र में कर्फ्यू का माहौल हो गया है. जगह-जगह गार्ड और पुलिस तैनात किया गया है. वहीं मेडिकल की पढ़ाई करने गए बच्चों की चिंता से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है. परिजन अभी भी डरे सहमे हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक बच्चे वहां से घर सकुशल न लौट जाए, बच्चों की चिंता सताती रहेगी.
किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्रा शिवानी तंबोली ने फोन पर बताया कि बिश्केक में कुछ दिन पहले कुछ घटना हुई थी, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के लगभग 80 छात्र-छात्राएं फंसे हुए हैं, जिसमें 20 विद्यार्थी जांजगीर चांपा जिले से हैं. अभी वहां सभी छात्र-छात्राएं हॉस्टल से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं. इस सम्बंध की जानकारी जिला प्रशासन और राज्य सरकार को मिली, तब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मोबाइल से बात की और उनका हालचाल जाना. सभी छात्र छात्राओं की मदद के लिए छत्तीसगढ़ सरकार खड़ी है.
स्थानीय और पाकिस्तानी छात्रों के बीच मारपीट
शिवानी के पिता संजय तंबोली ने बताया कि 18 मई को स्थानीय छात्र और पाकिस्तानी छात्रों के बीच मारपीट हो गई थी. इसमें बहुत से छात्रों को हॉस्टल में घुसकर मारा गया था. इससे दशहत का माहौल हो गया है. उसके बाद स्थानीय और विदेशी छात्रों को परेशान किया जा रहा है और स्थानीय प्रशासन द्वारा गार्ड और पुलिस फोर्स लगाया गया है. फिर भी बच्चों को हॉस्टल के अंदर ही रखा गया है. किर्गिस्तान प्रशासन द्वारा सभी छात्रों को इंडिया वापस भेजने की तैयारी चल रही है.
मां का रो-रोकर बुरा हाल
संजय तंबोली ने आगे बताया कि शिवानी से लगातार बात हो रही है. पास के हॉस्टल में ही दंगाई घुसकर मारपीट कर रहे हैं. इसकी खबर सुनते ही शिवानी की मां का रो-रोककर बुरा हाल है. साथ ही पिछले दिन तबीयत भी खराब हो गई है. अब स्थिति सामान्य होने की जानकारी मिल रही है. लेकिन जब तक बेटी वापस सकुशल लौट नहीं आती, तब तक चिंता सता रही है.