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लोकसभा स्पीकर पर अभी बाकी है पिक्चर? मोदी.30 के किंगमेकर में ही मतभेद, जानें JDU-TDP के ‘मन की बात’

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मोदी सरकार के किंगमेकर जद(यू) और टीडीपी में लोकसभा अध्यक्ष के मुद्दे पर मतभेद है. बीजेपी चाहती है कि लोकसभा अध्यक्ष का पद बरकरार रखा जाए. इस पर जद(यू) तो राजी है, मगर टीडीपी चाहती है कि इस मामले पर एनडीए में चर्चा हो और आम सहमति से लोकसभा अध्यक्ष का उम्मीदवार तय किया जाए. वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि अगर लोकसभा उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को नहीं दिया गया तो इंडिया ब्लॉक भी अपना उम्मीदवार उतार सकता है. लोकसभा सचिवालय के मुताबिक लोकसभा 26 जून को अपने नए अध्यक्ष का चुनाव करेगी. जिसके लिए उम्मीदवारों के समर्थन में प्रस्ताव एक दिन पहले दोपहर तक जमा किए जा सकते हैं.

इस बीच बीजेपी लोकसभा के अध्यक्ष का पद अपने पास बनाए रख सकती है. जिसके लिए पार्टी के किसी सांसद को इस पद के लिए चुने जाने की संभावना है. एनडीए के सहयोगी दलों- जनता दल-यूनाइटेड और टीडीपी के लोकसभा अध्यक्ष पद की मांग की गई है, ऐसी मीडिया रिपोर्टों को खारिज करते हुए बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से कहा कि इस मामले पर पहले पार्टी के भीतर विचार किया जाएगा. उसके बाद ही सहयोगी दलों के साथ इस पर आम सहमति बनाई जाएगी. हालांकि जतद(यू) और टीडीपी के बीच इस विषय पर आम सहमति नहीं बनती दिख रही है.

जद-यू फिलहाल बीजेपी के पक्ष में
आंध्र प्रदेश के सीएम एन चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी ने कहा कि एनडीए के सहयोगियों को सर्वसम्मति से उम्मीदवार तय करना चाहिए. जबकि बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) ने कहा कि वह भाजपा के फैसले का समर्थन करेगी. जद(यू) नेता केसी त्यागी ने कहा है कि उनकी पार्टी और टीडीपी एनडीए का हिस्सा हैं और लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. त्यागी ने कहा कि अध्यक्ष हमेशा सत्तारूढ़ पार्टी का होता है, क्योंकि गठबंधन दलों में उसकी संख्या सबसे अधिक होती है. दूसरी ओर, टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभि राम कोम्मारेड्डी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उम्मीदवार का फैसला एनडीए के सहयोगियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए.

टीडीपी स्पीकर पद को लेकर गंभीर
कोम्मारेड्डी ने कहा कि एनडीए के सहयोगी एक साथ बैठकर तय करेंगे कि स्पीकर के लिए हमारा उम्मीदवार कौन होगा. एक बार आम सहमति बन जाने के बाद, हम उस उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे और टीडीपी समेत सभी सहयोगी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे. 24 जून से शुरू होने वाले 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दौरान, भाजपा विपक्षी दलों से संपर्क करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्पीकर का चुनाव सर्वसम्मति से होय अगर विपक्ष सरकार के प्रस्ताव पर सहमत होता है, तो चुनाव की जरूरत नहीं होगी. हालांकि अगर विपक्ष अपना उम्मीदवार उतारता है, तो नए स्पीकर के लिए मतदान 26 जून को हो सकता है, और उसी दिन नए स्पीकर पदभार ग्रहण करेंगे.

…तो भाजपा नए फॉर्मूले पर विचार करेगी
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में इंदौर, मध्य प्रदेश से भाजपा सांसद सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष रहीं, जबकि दूसरे कार्यकाल में कोटा, राजस्थान से भाजपा सांसद ओम बिरला इस पद पर रहे. हालांकि भाजपा के पास 2014 और 2019 की तरह बहुमत नहीं है, लेकिन अटकलें लगाई जा रही थीं कि टीडीपी और जेडी(यू) के एक सांसद अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं. सूत्रों से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इटली से लौटने के बाद नए लोकसभा अध्यक्ष के नाम पर विचार-विमर्श किया जाएगा. अगर सहयोगी दलों की ओर से इस पद को लेकर कोई सुझाव या मांग आती है, तो भाजपा नए फॉर्मूले पर विचार करेगी.

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