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झील में बिजली पैदाकर रेलवे मुंबई में स्‍टेशन को करेगा रोशन, अनूठी पहल

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भारतीय रेलवे बिजली के लिए लगातार नए विकल्‍प तलाशत रहा है. इसी कड़ी में अब झील में बिजली पैदा करने की तैयारी है, जिससे रेलवे स्‍टेशनों को जगमग किया जाएगा. इसकी शुरुआत मुंबई में हो चुकी है. रेलवे द्वारा फ्लोटिंग सोलर प्लांट लगाया जा रहा है. सफल होने पर और जगह भी इस तरह का प्रयोग किया जाएगा.

मध्‍य रेलवे के मुख्‍य जनंसपर्क अधिकारी के अनुसार रेलवे अपना पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट मुंबई के ईगतपुरी झील में लगा रहा है. 10 मेगावाट क्षमता का यह प्‍लांट होगा. इससे रेलवे स्‍टेशन में और बिजली की अन्‍य जरूरतों को पूरा करेगा.

2030 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के अपने अंतिम लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए, मध्य रेल ने रेलवे स्टेशनों और इमारतों की छतों का उपयोग करके 12.05 MWp सौर संयंत्र चालू किए हैं, जिनमें से 4 MWp सौर संयंत्र पिछले साल लगाए थे. (MWP का मतलब मेगा वाट पीक, जो बिजली के अधिकतम संभावित उत्पादन का एक माप है). इसके परिणाम स्वरूप वर्ष 2023-24 में 4.62 करोड़ रुपये की बचत हुई है और 6594.81 मीट्रिक टन कार्बन फुटप्रिंट की बचत हुई है. चालू वर्ष में अतिरिक्त 7 MWp सौर संयंत्र स्थापित करने की योजना है.

अक्षय ऊर्जा (renewable energy) की ओर बढ़ने के लिए भी कदम उठाए गए हैं. वर्तमान में 56.4 मेगावाट पवन ऊर्जा (wind energy) और 61 मेगावाट सौर ऊर्जा (solar energy) का पैदा की जा रही है. इसके अलावा, 325 मेगावाट सौर और पवन ऊर्जा के उपयोग के लिए पीपीए पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष में 180 मेगावाट सौर और 50 मेगावाट पवन ऊर्जा भी प्रवाहित होने की संभावना है.

यह पहल 2,50,000 पेड़ों को बचाने के बराबर है. मध्य रेल की वर्तमान मासिक बिजली खपत ट्रैक्शन कार्य के लिए 236.92 मिलियन यूनिट और गैर-ट्रैक्शन कार्य के लिए 9.7 मिलियन यूनिट है.

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