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सबसे ज्‍यादा टैक्‍स देता है यह राज्‍य, उत्‍तर प्रदेश और बिहार है इससे बहुत पीछे

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उत्‍तर प्रदेश आबादी के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्‍य है. बिहार का नंबर इस मामले में यूपी के बाद आता है. लेकिन, प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में ये दोनों ही बड़े राज्‍य बहुत पीछे हैं. देश में सबसे ज्‍यादा डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन महाराष्‍ट्र में होता है. वहीं, यूपी टैक्‍स कलेक्‍शन के मामले में देश में नौंवे पायदान पर है और पहले स्‍थान पर काबिज महाराष्‍ट्र से करीब 15 गुना कम टैक्‍स संग्रहण यहां होता है.

डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में इनकम टैक्स, कॉरपोरेट टैक्स और सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) शामिल होते हैं. इन तीनों माध्यमों से देशभर में टैक्स की वसूली की जाती है और राज्यों का योगदान सीधे सरकार के खजाने में जाता है.

महाराष्‍ट्र का हिस्‍सा 39 फीसदी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण के जो आंकड़े जारी किए हैं, उनके अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में देशभर से 19.62 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट टैक्स वसूला गया. डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन में महाराष्‍ट्र एक नंबर पर है. पिछले वित्‍त वर्ष में महाराष्ट्र से 7.62 लाख करोड़ रुपये (7,61,716.30 करोड़ रुपये) डायरेक्ट टैक्स आया. महाराष्ट्र का योगदान देश के कुल डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्शन 39% है.

वित्त वर्ष 2023-24 में उत्तर प्रदेश में डायरेक्‍ट टैक्‍स के रूप में 48,333.44 करोड़ रुपये आए. यह टैक्‍स कलेक्‍शन महाराष्‍ट्र से करीब 15 गुना कम है. वहीं, आबादी के लिहाज से देश के दूसरे सबसे बड़े राज्‍य बिहार से केवल 6692.73 करोड़ रुपये का टैक्स संग्रहण हुआ, जो पिछले वित्त वर्ष 2022-23 के 6845.32 करोड़ रुपये से भी कम है.

दूसरे नंबर पर है कर्नाटक
डायरेक्‍ट टैक्‍स कलेक्‍शन में महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक दूसरे स्‍थान पर है. पिछले वित्‍त वर्ष में राज्‍य में 2.35 लाख करोड़ रुपये का कर संग्रहण हुआ. दिल्ली 2.03 लाख करोड़ रुपये के टैक्‍स कलेक्‍शन के साथ तीसरे स्थान पर रहा. चौथे स्थान पर तमिलनाडु है जिसने 1.27 लाख करोड़ रुपये का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन किया है. गुजरात 93,300 करोड़ रुपये के साथ पांचवें स्थान पर है.

प्रत्‍यक्ष कर संग्रहण में तेलंगाना छठे स्‍थान पर है. वित्‍त वर्ष 2023-24 में राज्‍य से 84,439 करोड़ रुपये कर जमा हुआ. हरियाणा 70,947.31 करोड़ रुपये के साथ सातवें और पश्चिम बंगाल 60,374.64 करोड़ रुपये के साथ आठवें स्थान पर है. उत्तर प्रदेश, 48,333.44 करोड़ रुपये के कलेक्शन के साथ नौवें स्थान पर आता है.