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आपका आरएसी टिकट कनवर्ट हो सकता है वेटिंग में, रेलवे ने बताई इसकी असल वजह

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मौजूदा समय छठ पूजा में घर जाने के लिए ट्रेनों में मारामारी चल रही है. बिहार और पूर्वी उत्‍तर प्रदेश जाने वाली कई ट्रेनों में वेटिंग टिकट तक नहीं मिल रहा है. जिन लोगों का आरएसी टिकट होता है, उनको यह राहत होती है कि कम से कम ट्रेन में आधी सीट तो होगी, जहां बैठने को मिल जाएगा और सफर पूरा कर लेंगे. तो आपको बता दें कि आरएसी टिकट व‍ेटिंग में जा सकता है और अब व‍ेटिंग टिकट पर यात्रा में सख्‍ती बरती जा रही है. इस तरह आरएसी पर यात्रा करने का सपना टूट सकता है. यह सुनकर आपका चौंकना लाजिमी है, लेकिन सच है. भारतीय रेलवे ने स्‍वयं इसकी वजह बताई है.आइए जानें-

फेस्टिवल सीजन और गर्मियों की छुट्टियों में सबसे ज्‍यादा लोग यात्रा करते हैं. औसतन ट्रेनों से रोजाना 2.3 करोड़ लोग यात्रा करते हैं. त्‍यौहारी सीजन में यह संख्‍या तीन से चार गुना तक बढ़ जाती है. सुविधाजनक यात्रा करने के लिए लोग 60 दिन पहले ( पूर्व में यह समय सीमा 120 दिन थी) रिजर्वेशन करा लेते हैं. कंफर्म टिकट बुक होने आरएसी (Reservation against cancellation) टिकट दिया जाता है. रेलवे के नियमों के अनुसार यदि कोई यात्री टिकट कैंसिल कराएगा तो आपका आरएसी टिकट उसके बदले कन्फर्म होगा. अन्‍यथा आपको साइड लोअर की आधी सीट पर ही सफर करना होगा. जबकि वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं कर सकते हैं.

इस वजह से आरएसी कनवर्ट हो सकता है वेटिंग में

सामान्‍य रूप में आरएसी कंफर्म हो जाता है, फेस्टिवल सीजन या कुछ ट्रेनों में कंफर्म नहीं हो पाता है. लेकिन कभी कभार इसके वेटिंग लिस्‍ट में भी जाने की संभावना रहती है. रेलवे के अनुसार किसी ट्रेन का कोई कोच यात्रा से पूर्व अंतिम समय अनफिट पाया जाता है, सेफ्टी रीजन से इसे हटा दिया जाता है. इसके बाद दो स्थितियां होती है. एक्‍स्‍ट्रा कोच उपलब्‍ध नहीं हो पाता है या फिर हुआ तो एलएचबी की आईसीएफ का मिला. इसमें सीटों की संख्‍या कम होती है.