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DNA जांच से हुई रिटायर्ड IAS करणी सिंह के शव की शिनाख्त, गिनती में हो गई थी गफलत

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जयपुर. जयपुर में अजमेर रोड पर भांकरोटा में दो दिन पहले हुए भीषण अग्निकांड में अकाल मौत का शिकार हुए रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह राठौड़ के शव की डीएनए जांच से शिनाख्त हो गई है. सिंह के शव की शिनाख्तगी के लिए उनकी बेटी का डीएनए सैम्पल लिया गया था. वहीं एक और अन्य शव की भी डीएनए जांच में पहचान हो गई है. हादसे में कुल 14 नहीं बल्कि 13 लोग मारे गए हैं. हादसे के बाद ये लोग इस कदर जल गए थे कि एक शव के दो हिस्सों को दो शव मान लिया गया था. डीएनए जांच में इसका खुलासा हुआ है.

जानकारी के अनुसार मृतकों की संख्या को लेकर डीएनए जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी में रखे गए पांच अज्ञात शवों के सैम्पल जांच के लिए भेजे गए थे. इनमें दो शवों का एक ही डीएनए निकला. हादसे के बाद जब जले हुए लोगों के शवों को उठाया गया था तब एक शव दो हिस्सों में बंटा हुआ था. लिहाजा उन्हें दो शवों के अवशेष मान लिया गया था. लेकिन जांच के बाद अब तय हो गया कि ये शव पांच नहीं बल्कि चार ही हैं.

चार में से दो शवों की हुई शिनाख्त
इन चार शवों की FSL में हुई DNA जांच में दो की शिनाख्त हो गई है. इनमें एक शव रिटायर्ड आईएएस करणी सिंह का है और दूसरा उत्तर प्रदेश निवासी संजय का है. राजस्थान की एफएसएल टीम ने रिकॉर्ड समय में किए इन शवों की DNA जांच पूरी की है. करणी सिंह की मौत की पुष्टि घटनास्थल पर जली हुई मिली उनकी कार से हुई थी. कार के चेसिस नंबरों के आधार पर माना गया था कि सिंह अग्निकांड के शिकार हो गए हैं. लेकिन उनके शव की शिनाख्त नहीं हो पा रही थी. लिहाजा शनिवार को उनकी बेटियों का डीएनए सैम्पल लेकर उसकी जांच करवाई गई थी.

हाईकोर्ट ने भी लिया है मामले में प्रसंज्ञान
हादसे के अन्य घायलों का एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है. इनमें आधा दर्जन से ज्यादा घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है. अस्पताल में नेताओं और जनप्रतिनिधियों का बेजा आना जाना लगा हुआ है. इससे बर्न वार्ड में संक्रमण फैलने की आशंका बनी हुई है. इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है. केस की जांच कर रही प्रशासनिक कमेटी की शनिवार को पहली बैठक हुई. हाईकोर्ट ने भी इस मामले में प्रसंज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने भारत सरकार, पेट्रोलियम मंत्रालय, CS और आपदा प्रबंधन सचिव सहित राजस्थान के पेट्रोलियम सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. अदालत ने मामले को सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए निर्देश दिए हैं.