सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट पेश होगा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार 8 वीं बार बजट का पिटारा खोलेंगी. पूरे देश की तरह देहरादून की जनता भी बजट को लेकर उत्साहित हैं. दिल्ली चुनाव से ठीक पहले महंगाई कम करने के उपाय बजट में दिखाई दे सकते हैं, तो वहीं महिलाओं के लिए भी सरकार बड़ी घोषणा कर सकती है. लोकल18 ने देहरादून की गृहणियों और महिलाओं से उनकी उम्मीदों पर बात की. महिलाओं ने रसोई के खर्चों में राहत के साथ बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की मांग की है.
अंकिता बुटोला का कहना है कि मिडिल क्लास की आवश्यकताओं पर कोई ध्यान नहीं देता. दाल, सब्जी, तेल और गैस सभी महंगे हो गए हैं. आगामी बजट से उम्मीद है कि रसोई के बढ़ते खर्च पर सरकार ध्यान देगी और टैक्स स्लैब में भी राहत मिलेगी.
बढ़ रहा है रसोई का खर्च
कमला पाण्डेय ने कहा कि महंगाई बढ़ती ही जा रही है. दाल, चीनी, सब्जी और दूध के दामों में बढ़ोतरी न हो. रसोई गैस की कीमतों में गिरावट होनी चाहिए. बिजली और पानी के ऊंचे दाम भी घर का बजट बिगाड़ रहे हैं. मनोरमा सेमवाल ने बताया कि रसोई का खर्च लगातार बढ़ रहा है. अगर आम आदमी की रसोई ही महंगी हो जाए, तो जीवन मुश्किल हो जाएगा. सरकार को खाद्य सामग्री के दामों पर लगाम लगानी चाहिए. उम्मीद करते हैं कि इस बार के आम बजट में कुछ राहत मिलेगी.
बिजली और पानी के बिल से आम आदमी परेशान
दीपिका भट्ट ने कहा कि मैं रसोई के करीब हूं और देखती हूं कि चीज़ों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. मेरी सरकार से गुजारिश है कि आम आदमी की रसोई पर बोझ न डाला जाए. खाद्य सामग्री के दामों में बढ़ोतरी रोकी जाए. वहीं नीतू सेमवाल ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि स्कूल फीस, बिजली और पानी के बिल लगातार बढ़ रहे हैं. सरसों का तेल, दाल, चावल, आटा और गैस सब महंगे हो गए हैं. सरकार को मिडिल क्लास परिवारों को राहत देनी चाहिए.
वर्किंग वुमन को ईंधन पर चिंता
शैलबाला जोशी, एक वर्किंग वुमन है. उन्होंने कहा कि ईंधन के बढ़ते दाम और महंगी सब्जियां मिडिल क्लास के लिए बड़ा संकट हैं. रसोई गैस की कीमतें 1000 रुपये के पास पहुंच गई हैं. वित्त मंत्री से निवेदन है कि रसोई के सामान को सस्ता करें.
महिलाओं की मुख्य मांगें
रसोई गैस, दाल, तेल, और अन्य खाद्य सामग्री के दाम कम किए जाएं.
बच्चों की शिक्षा और स्कूल फीस में राहत दी जाए.
बिजली और पानी के बिलों पर नियंत्रण हो.
मिडिल क्लास को टैक्स स्लैब में राहत मिले.
आगामी बजट में सरकार किन मुद्दों पर ध्यान देती है, यह देखना दिलचस्प होगा. क्या यह बजट महिलाओं और मिडिल क्लास की उम्मीदों पर खरा उतरेगा? इसका जवाब फरवरी में मिलेगा.