नई दिल्ली (वीएनएस)। नया साल शुरू होते ही कोरोना का ओमीक्रोन वेरिएंट अपना असली रूप दिखाने लगा है। डेल्टा की तुलना में कई गुना तेजी से फैलना वाला यह वेरिएंट देशभर तेजी से लोगों को पॉजिटिव कर रहा है। लगभग सभी बड़े महानगरों में नए साल के पहले दिन कोरोना मरीजों की संख्या में कई गुना की वृद्धि हुई है। राजधानी दिल्ली में हालात टेंशन दे रहे हैं। महज 8 दिन में ही यहां 16 गुना कोरोना केस बढ़ गए हैं। हालात नहीं सुधरे तो और प्रतिबंध लगाने की नौबत आ सकती है।
21 मई के बाद सबसे ज्यादा केस : बीते 24 घंटे में दिल्ली में 51 प्रतिशत की उछाल के साथ 2,716 नए मरीज आए। कोरोना संक्रमित एक मरीज की जान चली गई। एक दिन पहले शुक्रवार को राजधानी में 1796 केस दर्ज किए गए। 21 मई के बाद एक दिन में मरीजों की यह सबसे ज्यादा संख्या है। कोरोना से दिल्ली में मरने वालों की संख्या भी बढ़कर 25,108 हो गई है।
पॉजिटिविटी रेट 3.6 प्रतिशत पहुंची : सबसे चिंता की बात यहां की पॉजिटिविटी रेट है जो 3.6% तक पहुंच गई है। लगातार दो दिन यहां 2 प्रतिशत से ऊपर रेट रहा यानी दिल्ली में GRAP रूल के तहत ऑरेंज अलर्ट जारी करने की स्थिति बन गई है। इसके तहत जरूरी चीजों को छोड़कर ज्यादातार कामकाज पर पाबंदी लग जाती है। फिलहाल राजधानी में लेवल-1 यानी येलो अलर्ट जारी है।
क्या पाबंदियां और बढ़ेंगी? : क्या राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 संबंधी और प्रतिबंध लगाने की जरूरत है? दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि इसकी समीक्षा की जाएगी क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बावजूद अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या कम है। जैन ने यह भी कहा कि वर्तमान स्थिति के मद्देनजर बच्चों के लिए तीन हजार से अधिक बिस्तर तैयार किए गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘रोकथाम इलाज से बेहतर होता है और लोगों को हर समय खुद को सुरक्षित रखने की जरूरत है। जब भी हम अपने घरों से बाहर जा रहे हों तो हर समय मास्क पहनना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए, इससे हमें कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी।’
बच्चों के लिए 3 हजार बेड तैयार : दिल्ली के मंत्री ने कहा कि मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए 3,000 से अधिक बिस्तर पहले ही तैयार किए जा चुके हैं। कोरोना वायरस रोगियों के इलाज के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित और निर्देशित दिया जा रहा है। वायरस के विभिन्न स्वरूपों के लिए कोई अलग उपचार नहीं है। जैन ने कहा, ‘हमने प्रतिबंध लगाए हैं। अन्य राज्यों में सिर्फ रात्रिकालीन कर्फ्यू लागू है लेकिन दिल्ली में हमने विद्यालय और मल्टीप्लेक्स आदि बंद कर दिए हैं। दिल्ली में दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई में बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में भर्ती हो रहे थे लेकिन अब भर्ती संख्या कम है। आगे के प्रतिबंधों की समीक्षा होगी। जैन ने कहा कि लोग इन दिनों ओमीक्रोन जांच की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उन्हें सूचित करना है कि ओमीक्रोन पर जानकारी केवल सरकार और नीति निर्माताओं के लिए आवश्यक है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि व्यवस्था काम कर रही है। मरीजों को स्वरूप के बारे में कुछ भी नया नहीं पता चलेगा क्योंकि अन्य कोरोना वायरस स्वरूप के लिए उपचार प्रक्रिया बिल्कुल ओमीक्रोन स्वरूप की तरह ही है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ओमीक्रोन के मरीजों को अब तक ऑक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ी है।
10 लाख बच्चों को टीका लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू : दिल्ली में 15-18 आयु वर्ग के बच्चों के टीकाकरण के लिए पंजीकरण शनिवार से शुरू हो गया है। सरकार ने कहा है कि तीन जनवरी से किशोरों का टीकाकरण शुरू करने की तैयारी है। सूत्रों द्वारा साझा किए गए आधिकारिक दस्तावेजों के मुताबिक भारत के महापंजीयक के आंकड़ों के अनुसार इस श्रेणी में टीकाकरण कराने वाले किशोरों की संख्या 10 लाख है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘हम रोज तीन लाख लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं । मौजूदा समय में दैनिक आधार पर एक से डेढ़ लाख लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। अगर जरूरत पड़ी तो हम क्षमता बढ़ा सकते हैं। बच्चों के टीकाकरण का जहां तक सवाल है, हमलोग 10 से 15 दिन की अवधि के भीतर उन लोगों का टीकाकरण कर सकते हैं।’