तमनार की गारे पेलमा को 14 वीं सूची में रखा गया, कमर्शियल माइनिंग के लिए लगेगी बोली
रायगढ़ (वीएनएस)। कोयला मंत्रालय ने कोल ब्लॉक की कमर्शियल नीलामी के लिए 14 वीं सूची जारी कर दी है। इसमें 99 कोल ब्लॉक रखे गए हैं। रायगढ़ जिले से एक बड़ी खदान गारे पेलमा 4/6 को शामिल किया गया है। यह खदान कई कंपनियों की रडार में है। सरकार ने कंपनियों से बोली मंगवाई है।
जिले के कोयला खदानों के इतिहास में गारे पेलमा 4/6 का नाम अलग से लिया जाता रहा है। पूर्व में जेएसपीएल को इस माइंस का आवंटन हुआ था लेकिन जनसुनवाई ने तमनारवासियों को दर्द दिया है, वह अभी तक उसे याद करके सिहर उठते हैं। कोल ब्लॉक की पर्यावरणीय सम्मति के लिए हुई जनसुनवाई में लाठीचार्ज हो गया था। गारे में इस घटना के बाद भी जनसुनवाई के पूरा होने का दावा किया गया लेकिन एनजीटी में इसके खिलाफ अपील की गई। अदालत ने दोबारा जनसुनवाई कराने को कहा था। 2012 में दोबारा जनसुनवाई कराई गई थी। इसके खिलाफ भी अपील की गई थी क्योंकि जनसुनवाई स्थल प्रोजेक्ट एरिया से बाहर था। नीलामी की वेबसाइट से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने खदान के लिए पर्यावरण क्लीयरेंस दे दिया है। माइनिंग लीज स्वीकृत नहीं की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया था तब से यह माइंस अविकसित ही है। अब यह खदान फिर से सुर्खियों में है। कोल मिनिस्ट्री ने गारे पेलमा 4/6 को नीलामी की 14 वीं सूची में डाला है। इस बार कमर्शियल यूज के लिए नीलामी की जाएगी। इसके साथ रायगढ़ जिले से डोलेसरा, जरेकेला समेत पांच दूसरी माइंस भी हैं।
तीन गांव हो सकते हैं विस्थापित : गारे पेलमा 4/6 के डेवलपमेंट का हमेशा से पुरजोर विरोध होता रहा है। इसकी वजह गांवों की आबादी का विस्थापन है। गारे, खम्हरिया, सरसमाल और सराईटोला निवासी ग्रामीण इस माइंस के विकसित होने पर भूमिहीन हो जाएंगे। पूर्व में इसीलिए जनसुनवाई में आक्रोश फूटा था। जिसकी वजह से लाठीचार्ज हुआ। करीब 119 हे. भूमि अधिग्रहित बताई जा रही है लेकिन अभी भी बड़ा भूभाग अधिग्रहण से बचा है।