छत्तीसगढ़ के बिजली ठेकेदार 31 जुलाई से काम बंद कर हड़ताल पर जा रहे हैं। 5 लाख तक के टेंडर को ऑनलाइन किए जाने का ठेकेदारों ने विरोध किया है। इसके अलावा अन्य 6 मांगों को लेकर पावर कंपनी के मुख्यालय डंगनिया में प्रदर्शन होगा।
छत्तीसगढ़ इलेक्ट्रिक कॉन्ट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन ने इस संबंध में पावर कंपनी प्रबंधन को सूचना दे दी है। एसोसिएशन का कहना है कि विभाग में श्रेणी 1 से लेकर श्रेणी 4 तक के ठेकेदार पंजीकृत हैं। श्रेणी-4 के ठेकेदारों की संख्या ज्यादा है। प्रबंधन द्वारा आदेश जारी किया गया है कि 5 लाख तक के टेंडर ऑनलाइन मोड पर भरे जाएंगे।
एसोसिएशन ने बताया कि श्रेणी 4 के ठेकेदार 5 लाख तक की सीमा वाले टेंडर पर ही आश्रित हैं। इससे ठेकेदारों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। इसी तरह फंड व्यवस्था, बिल भुगतान, एसडी रिफंड समेत अन्य समस्याओं से ठेकेदारों को जूझना पड़ रहा है।
एसोसिएशन का कहना है कि इससे पहले में भी प्रबंधन को इस संबंध में अवगत कराया गया था। मगर ध्यान नहीं दिया। अब ठेकेदारों ने मांग पूरी होने तक 31 जुलाई से अतिआवश्यक समेत सभी कार्यों को बंद करने का फैसला लिया है। नए कार्यों की निविदा प्रक्रिया में भी ठेकेदार हिस्सा नहीं लेंगे।
इन मांगों को लेकर होगी हड़ताल
1- 5 लाख तक के टेंडर को यथावत् यानी ऑफलाइन रखा जाए?
2- फंड की व्यवस्था विभाग करे ना कि ठेकेदार।
3- S.E. ऑफिस बिल काउंटर साइन के लिये नहीं जाना चाहिए।
4- बिल जमा करने के बाद एक निश्चित समय सीमा में बिल पास हो जाना चाहिए, जिसका कि पालन किया जाना चाहिए।
5- अगर ठेकेदार आपके विभाग के पंजीकृत वेंडर्स से सामान ले तो सामान की दोबारा जांच कि आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
6- पंप के कार्य की निविदाएं को नये SOR से प्रोजेक्ट से ना करके O&M डिवीजन से करवाया जाना चाहिए ताकि काम पूरा करने में कोई परेशानी ना हो।
7- SOR में मटेरियल में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज 4% फिक्स कर दिया गया है, जिसे कि पूर्व की भांति वजन और दूरी से दिया जायें।
8- पंजीकृत ठेकेदारों से विभाग द्वारा सिलिंग लिमिट के लिए पैसे लिए जाते है, इसलिए पहले की तरह कोई भी निविदा के लिए अलग से टेंडर फीस राशि न ली जाए।