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खंगाले गए पिछले दो साल के जीएसटी रिटर्न:फर्जी बिल व शैल कंपनियां…प्रदेश के 250 कारोबारी सेंट्रल जीएसटी की​ निगरानी में, कड़ी कार्रवाई की तैयारी

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फर्जी बिल और शैल कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई के लिए छत्तीसगढ़ समेत देशभर में 16 मई से 15 जुलाई तक विशेष जांच अभियान चलाया गया था। जांच के दौरान पिछले दो साल के जीएसटी रिटर्न खंगाले गए। बताया जा रहा है 250 से ज्यादा व्यापारियों के रिटर्न में बड़ी गड़बड़ी मिली है। ज्यादातर ने कारोबार के आंकड़े गलत पेश किए। कुछ के व्यापार में पिछले दो साल में बड़ी तेजी आई, लेकिन इस साल अचानक गिरावट आ गई।

इतना ही नहीं सेंट्रल जीएसटी के अफसरों ने अधिकतर फर्जी रिटर्न के दफ्तरों की भी जांच की है। मौके पर कई कंपनियों के दफ्तर नहीं मिले हैं। अब इन सभी संदिग्ध रिटर्न पर इस महीने से बड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। सेंट्रल जीएसटी की टीम ने इस वित्तीय साल के खत्म होने तक यानी मार्च 2023 तक 120 करोड़ से ज्यादा की इनपुट टैक्स क्रेडिट चोरी पकड़ी थी। इस समय तक 10 से ज्यादा लोगों पर एफआईआर दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार भी किया गया।

ज्यादातर फर्जीवाड़ा करने वालों ने गलत मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, फर्जी एड्रेस से फर्म बनाई। इसी फर्म से फर्जी बिल बनाए और टैक्स की चोरी की। बताया जा रहा है कि इस अभियान के शुरू होने से पहले भी विभाग ने फर्जी रजिस्ट्रेशन कर इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा लेने वाले 100 से ज्यादा फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया था। यह सभी फर्म केवल कागजों पर ही थे। इनमें दी गई सभी जानकारी भी गलत थी।

जीएसटी कलेक्शन वित्तीय साल कलेक्शन 2017-18 4763.87 2018-19 8950 2019-20 9422 2020-21 9627 2021-22 13022 2022-23 13966 (कलेक्शन करोड़ रुपए में)

इनपुट टैक्स क्रेडिट: धोखाधड़ी इस तरह

इनपुट क्रेडिट का मतलब है माल की खरीदी के समय चुकाया गया टैक्स। आउटपुट पर टैक्स देने के समय व्यापारी अपने इनपुट टैक्स से एडजस्ट कर सकते हैं जो माल खरीदते समय पहले से चुकाया गया है। पक्के बिल से जो माल खरीदा जाता है उस पर लगा जो टैक्स देय होता है, उसी पर जीएसटी रिटर्न भरने से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है।

इसको ऐसे समझ सकते हैं कि मान लीजिए आपने 100 रुपए का कोई कच्चा माल खरीदा। इस पर 18% यानी 18 रुपए का टैक्स लगेगा। इस हिसाब से यह रकम 118 रुपए हो गई। 118 रुपए का पक्का बिल सेलर से ले लिया। मतलब आपने 18 रुपए का जीएसटी जमा कर दिया। अब उस माल से कोई सामान बनाकर 150 रुपए में बेचा तो वहां भी 18% के हिसाब से 27 रुपए का टैक्स जुड़ेगा।

इस सामान को खरीदने पर ग्राहक 177 रुपए की रसीद लेगा जिसमें 27 रुपए का जीएसटी लगा होगा। अब इस साैदे को जब जीएसटी रिटर्न में दिखाएंगे तो आपको केवल 9 रुपए का टैक्स लगेगा, बाकी 18 रुपए का इनपुट क्रेडिट मिलेगा। क्योंकि आप इसका भुगतान माल खरीदते समय कर चुके हैं। फर्जीवाड़ा करने वाले इसी इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए नकली फर्मों के बिल जनरेट करवा लेते हैं। फर्जीवाड़ा करने के लिए बिना माल लिए-दिए भी इस पर दावा किया जाता है।

स्टील, चावल, कंस्ट्रक्शन में ज्यादा गड़बड़ी, कई राज्यों से तार जुड़े

जीएसटी में फर्जीवाड़ा करने वालों ने सबसे ज्यादा स्टील, चावल और कंस्ट्रक्शन आयटम में फर्जी कंपनियां बनाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट के तौर पर करोड़ों का गोलमाल किया है। इन फर्जी कंपनियों के तार मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश और झारखंड से भी जुड़े मिले हैं। इस तरह के कई मामलों में दूसरे राज्यों की प​ुलिस ने छत्तीसगढ़ में कई जगह छापे मारकर दस्तावेज जब्त किए हैं।

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