कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली में बाबू राज चल रहा है इन बाबुओं के द्वारा अधिकारियों से कुछ भी आदेश निकलवा लिया जाता है ऐसे ऐसे आदेश देखने को मिलता है जिससे शिक्षक अपना माथा पिट ले सारा मामला सीधे सीधे पैसे के लेनदेन का होता है पैसा दो और मनमाना आदेश निकलवा लो जिला शिक्षा अधिकारी का कार्यालय अपने कारनामों को लेकर समय-समय पर सुर्खियों में रहा है इसके लिये वर्षो से कुडंली मार कर बैठे कार्यालय के बाबुओं को मुख्य कारण बताया जा रहा है उनकी कार गुजरियों का खमियाजा कई जिला शिक्षा अधिकारी भुगत चुके है इसके बाद भी बाबू राज का तिलस्म नही टूटा हाल ही में डीईओ कार्यालय के दो लिपिकों के ऊपर गाज गिर सकता है बता दे कि शिक्षा विभाग मुंगेली में कई प्रकार के घोटाले और भ्रष्टाचार किया गया है जिसका धीरे-धीरे उजागर हो रहा हैं – जैसे पात्र शिक्षक को पदभार ना देकर अपात्र को पद देना, बैक डेट पर शिक्षकों का पदोन्नति आदेश जारी करना,आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पैसे लेकर बच्चों का एडमिशन कराना, और कई प्रकार के आरोप लग रहे हैं जिसका खुलासा जल्द होगा
वही छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिक्षा विभाग में पोस्टिंग घोटाला उजागर होने के बाद जॉइंट डायरेक्टर और सहायक ग्रेड-2 को सस्पेंड कर दिया था, लेकिन, जांच रिपोर्ट आने के बाद भी इस गंभीर मामले में लीपापोती शुरू हो गई थी वहीं विभागीय मंत्री रविंद्र चौबे के निर्देश पर विभाग ने दोषी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज भी किया जा रहा है कमिश्नरों की जांच में करीब साढ़े तीन हजार पोस्टिंग संशोधनों की जानकारी आई थी इनमें सबसे अधिक बिलासपुर में खेल हुआ था जिला शिक्षा अधिकारी मुंगेली के जांच रिपोर्ट बाद ही मामला उजागर हो सकता है जिससे पता चलेगा कि आखिर गाज किस अधिकारी व बाबूओं के ऊपर गिरेगा मामला जांच में है DPI की टीम वापस लौटने पर जानकारी अभी गुप्त रखी है वही लिपिकों के कारनामों से जिला शिक्षा अधिकारी की मुश्किलें बढ़ गई है जांच टीम आने के बाद कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है
*सामाप्त नही हुई अटैचमेंट की संस्कृति*
दिलचस्प पहलू यह है कि अनेकों फर्जी वाडे व अनमित्ताओ की शिकायत आने के बाद भी अधिकारियो की हिम्मत बाबुओं के सामने पस्त है अधिकारियो से ज्यादा दमखम बाबुओं ने बना रखी है हालात यही रहे और सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो डीईओ कार्यालय में इस तरह के फर्जीवाड़े होते ही रहेंगे इस कार्यालय को कमाई का केन्द्र बना कर रखा गया है हर कोई यहीं अटैचमेंट में रहना चाहता है कुछ राजनीतिक दम पर अटैचमेंट में हैं तो कुछ आधिकारियो की पकड़ से जमे हैं जिसमें के कुछ संविदा कर्मी भी हैं इन बाबुओं के आगे अधिकारियो की भी नहीं चल रही है और जमकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं
*एक बार फिर 2003 के कारनामें दोहराए जा सकते हैं मुंगेली में*
प्रयोगशाला सेवकों को सहायक शिक्षक विज्ञान पदोन्नति में पूर्व डीईओ आरपी तिवारी फंस गए थे इसी तरह ही बिना पद के पदोन्नति करके हर्षलाल शुला डीईओ भी फंस गए थे यह वर्ष 2003 का मामला है डीईओ हर्षलाल शुला 6 साल सस्पेंड रहे कर्मचारियों की वर्ष 2010 में पदोन्नति निरस्त हुई थी कोर्ट से स्टे में बचे हैं प्रशासन जवाब नहीं दे पाया जिला शिक्षा अधिकारी के बाबू राज का कारनामा यही तक नही थमा है बल्कि DPI की जांच शुरू होते ही कई बाबूओं के कारनामों को लेकर विभाग के लोग चर्चा करने से नही थक रहे है