Home छत्तीसगढ़ बस्तर के एक लाख लोग प्रधानमंत्री को भेजेंगे चिट्ठी…नगरनार प्लांट के निजीकरण...

बस्तर के एक लाख लोग प्रधानमंत्री को भेजेंगे चिट्ठी…नगरनार प्लांट के निजीकरण का विरोध, रेल लाइन विस्तार की मांग….प्रदर्शन की भी चेतावनी

24

बस्तर में रेल लाइन विस्तार, भारत माला परियोजना को बस्तर की सड़क से जोड़ने और नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में बस्तरवासी अब दिल्ली में हल्लाबोल करने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इससे पहले करीब एक लाख लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। यही एक लाख लोग पोस्ट के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी मांगों को लेकर चिट्ठी भेजेंगे। साथ ही निजीकरण के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका भी लगाएंगे।

इन तीन मांगो को लेकर अपनी आवाज बुलंद करने के लिए बस्तर विकास आंदोलन की शुरुआत की जा रही है। इस आंदोलन के सदस्य साकेत शुक्ला ने जगदलपुर में प्रेसवार्ता ली। उन्होंने बताया कि, रायपुर से विशाखापट्टनम तक एक्सप्रेस वे (भारत माला परियोजना) का काम चल रहा है। अब जगदलपुर से नगरनार होते एक नई सड़क बनाई जाए और इस भारत माला परियोजना से जोड़ी जाए। जिसका फायदा बस्तर के लोगों को भी मिल सके। यदि ऐसा होता है तो इससे बस्तर की रायपुर और विशाखापट्टनम तक की दूरी महज 2 से ढाई घंटे में सिमट जाएगी।

उन्होंने कहा कि, नगरनार स्टील प्लांट बनाने से पहले बस्तर के लोगों की जमीन अधिग्रहण की गई थी। लोगों ने अपनी जमीन इसलिए दी ताकि प्लांट को सरकार चलाए। लेकिन अब केंद्र सरकार इस प्लांट को निजी हाथों में सौंप रही है। इस मामले को लेकर अब बस्तर के एक लाख लोग प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दर्ज करवाई जाएगी। इसके अलावा पिछले कई सालों से बस्तर को रेल मार्ग के माध्यम से राजधानी रायपुर से जोड़ने की मांग की जा रही है। लेकिन इस पर भी अब तक कोई कवायद नहीं की गई है।

ट्रक और ट्रेन रोकने की तैयारी

इस आंदोलन के सदस्यों ने कहा कि, बैलाडीला के आयरन ओर से सरकार को करोड़ों रुपए की आमदनी हो रही है। अब यदि बस्तर के लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो बैलाडीला से रेल और ट्रक के माध्यम से आयरन ओर ले जाने नहीं दिया जाएगा। इसके विरोध में ट्रेन और ट्रकों को रोका जाएगा। जिसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी।

दिल्ली में संसद भवन का किया जाएगा घेराव

इस अभियान के तहत अपनी मांगों को लेकर बस्तर के करीब 2 हजार लोग दिल्ली जाएंगे। वहां जंतर-मंतर से लेकर संसद का घेराव किया जाएगा। यदि संसद तक पहुंचने नहीं दिया गया तो दिल्ली की सड़कों पर बैठकर धरना देंगे। इस आंदोलन में राहुल गांधी भी शामिल हो सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here