प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं-सहायिकाओं को बड़ी सौगात दी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इसकी आधिकारिक जानकारी दी गई। नई व्यवस्था के तहत अब इन महिलाओं की रिटायरमेंट 62 की बजाए 65 साल की आयु में होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के 50 प्रतिशत रिक्त पदों पर आंगनबाड़ी सहायिकाओं की भर्ती की जाएगी। भर्ती के लिए सहायिकाओं के 10 वर्ष के अनुभव को कम कर 5 वर्ष किया गया है। इसे लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आदेश जारी कर दिया गया है।
प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के पोषण और टीकाकरण से जुड़े काम यही महिलाएं करती हैं। राज्य के 46 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को मानदेय वृद्धि की जा चुकी है। इसके बाद एक उम्र के नियमों को बदलकर एक और बड़ी सौगात दी गई है।
मुख्यमंत्री बघेल ने इस साल पेश किए गए 2023-24 के बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करते हुए उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की घोषणा की थी। अब अप्रैल 2023 से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को बढ़ा हुआ मानदेय दिया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मासिक मानदेय की राशि 6 हजार 500 रूपए प्रति माह से बढ़ाकर 10 हजार रूपए दी जा रही है।
आंगनबाड़ी सहायिकाओं का मानदेय 3 हजार 250 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4 हजार 500 रूपए से बढ़ाकर 7 हजार 500 रूपए प्रति माह कर दिया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मृत्यु पर अनुग्रह राशि 50 हजार, सेवानिवृित्त पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 50 हजार रूपये और सहायिकाओं को 25 हजार रूपये भुगतान करने का नियम बनाया गया है।
सियासी मायने भी
आंगनबाड़ी से जुड़ी महिलाओं का रोल गांव, मुहल्लों में काफी सक्रिय होता है। कई सरकारी योजनाअों से जुड़े दस्तावेज तैयार करवाने, स्वास्थ्य सम्बंधी योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने की वजह से ये महिलाएं सभी से परिचित होती हैं। ऐसे में चुनावी साल में इन्हें साधने की कोशिश कांग्रेस कर रही है। यह बड़ी वजह है कि पहले मानदेय बढ़ाया गया और अब इनकी भर्ती और रिटायरमेंट को लेकर नया आदेश जारी किया गया है।