Home छत्तीसगढ़ मूल विभाग में पोस्टेड होंगे शिक्षक…पुरानी जगह पर जॉइनिंग नहीं करा रहे...

मूल विभाग में पोस्टेड होंगे शिक्षक…पुरानी जगह पर जॉइनिंग नहीं करा रहे थे DEO, हाईकोर्ट से आदेश जारी

24

प्रमोशन पोस्टिंग आदेश निरस्त करने को लेकर हाईकोर्ट से स्थगन आदेश के बाद कानूनी उलझन में पड़े टीचर के लिए राहत की खबर है। स्कूल शिक्षा विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से मिले ओपिनियन के आधार पर ​शिक्षकों को उनके मूल स्थान पर कार्यभार ग्रहण कराने का आदेश दिया है।

याचिका पर हाईकोर्ट से यथास्थिति बनाए रखने का आदेश देने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी टीचर को एकतरफा रिलीव करने के बाद पुरानी जगह पर जॉइन नहीं करा रहे थे, जिसके कारण टीचर्स की परेशानी बढ़ गई थी।

राज्य शासन ने चार सितंबर को प्रमोशन पोस्टिंग के मामले में संशोधित आदेश को निरस्त करते हुए सभी शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का आदेश जारी किया था। स्कूल शिक्षा विभाग से मिले इस आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारियों ने उन्हें एकतरफा रिलीव कर दिया।

प्रमोशन पोस्टिंग आदेश निरस्त करने के खिलाफ ज्यादातर शिक्षक हाईकोर्ट चले गए और उन्होंने संशोधित पोस्टिंग ऑर्डर यथावत रखने के लिए शासन को आदेशित करने का आग्रह किया। तकरीबन 600 याचिकाओं पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने प्रमोशन पोस्टिंग आदेश पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने मांगा था अभिमत

हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने महाधिवक्ता कार्यालय से अभिमत मांगा और पूछा कि शासन के आदेश के बाद शिक्षकों को एकतरफा रिलीव कर दिया गया है। लेकिन, हाईकोर्ट के आदेश के बाद बहुत से ऐसे टीचर हैं, जिन्हें जॉइन नहीं कराया जा सका है। ऐसे में शिक्षक परेशान हैं और हाईकोर्ट के आदेश के कारण उन्हें कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा सका है।

महाधिवक्ता कार्यालय ने कहा- अपनी इच्छा से जॉइन कर सकते हैं शिक्षक

महाधिवक्ता कार्यालय ने शिक्षा विभाग को अभिमत दिया है कि जिन शिक्षकों के संशोधित पदस्थापना को निरस्त किया गया है, अगर वह अपनी इच्छा से अपने मूल पदस्थापना वाले जगह पर जॉइन करना चाहते हैं, तो वे उन्हें कार्यभार ग्रहण कराया जा सकता है। यानी कि ऐसे शिक्षक जिन्हें प्रमोशन के बाद पहली पोस्टिंग दी गई थी, उन्हें उसी जगह पर जॉइन कराने में कोई दिक्कत नहीं है।

हाईकोर्ट से याचिका हो जाएगी औचित्यहीन, जॉइन नहीं किया तो वेतन में दिक्कत

हाईकोर्ट से यथास्थिति के आदेश पर याचिकाकर्ताओं के लिए उलझन की स्थिति बन गई है। क्योंकि, शासन ने उन्हें 4 सितंबर को आदेश जारी कर एकतरफा रिलीव कर दिया है। जिसके बाद 11 सितंबर को शिक्षकों की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया गया है।

इस आदेश के बाद शिक्षक अगर अपने मन से मूल जगह पर जाना चाहते हैं, तो उन्हें जॉइन करा लिया जाएगा। लेकिन, उनकी याचिका औचित्यहीन हो जाएगी। दूसरी तरफ टीचर संशोधित पोस्टिंग वाली जगह पर वापस नहीं जा सकते। क्योंकि विभाग के अधिकारी हाईकोर्ट से स्थगन आदेश का हवाला दे रहे हैं।

ऐसे में याचिकाकर्ता शिक्षकों के लिए डबल मुसीबत खड़ी हो गई है। जॉइन नहीं करने पर वे कहीं पदस्थ नहीं रहेंगे और उनका वेतन रोक दिया जाएगा और उन्हें अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा। ऐसे केस में विभाग के अधिकारी भी खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here