Home छत्तीसगढ़ जैविक प्रमाणीकरण के लिए छत्तीसगढ़ प्रमाणीकरण समिति, भारत वानिकी एवं कृषि-सीजीसर्ट संचालित

जैविक प्रमाणीकरण के लिए छत्तीसगढ़ प्रमाणीकरण समिति, भारत वानिकी एवं कृषि-सीजीसर्ट संचालित

5

छत्तीसगढ़ प्रमाणीकरण समिति, भारत वानिकी एवं कृषि -सीजीसर्ट कृषि उत्पादों, लघु वनोपज उत्पादों एवं प्रस्कृत उत्पादों इत्यादि के जैविक प्रमाणीकरण का कार्य करती है। इसके अतिरिक्त सीजीसर्ट वनों के प्रमाणीकरण के क्षेत्रा में भी अग्रसर हो रही है।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी-सीजीसर्ट श्री व्ही. श्रीनिवास राव ने बताया कि छत्तीसगढ़ प्रमाणीकरण समिति, भारत वानिकी एवं कृषि-सीजीसर्ट, छत्तीसगढ़ राज्य वन विभाग के प्रशासनिक नियंत्राण के अधीन संचालित है। सीजीसर्ट राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड, वाणिज्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम के अनुसार जैविक उत्पादों के जैविक प्रमाणीकरण हेतु प्रत्यायित संस्था है। छत्तीसगढ़ में इसका कार्यालय छत्तीसगढ़ विधानसभा के पास राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रायपुर परिसर में स्थित है।

उन्होंने यह भी बताया कि जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया में प्रमाणीकरण संस्था जैसे कि सीजीसर्ट जैविक उत्पादन, प्रसंस्करण, विक्रय अथवा हैंडलिंग क्रियाकलापों का जैविक मानक के अनुपालन अनुसार निगरानी करती है। सीजीसर्ट की जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया और शुल्क के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया सीजीसर्ट की वेबसाइटwww.cgcert.comसे जानकारी प्राप्त कर सकते है। आवेदन या अन्य जानकारी प्राप्त करने हेतु cgcert@gmail.com पर ई-मेल कर सकते हैं।

प्रमाणीकरण प्रक्रिया में जैविक खेती एवं जैविक उत्पादन में संलग्न एवं इच्छुक किसान, प्रसंस्करणकर्ता, उत्पादनकर्ता को सीजीसर्ट कार्यालय में अपने जैविक उत्पादन इकाई का जैविक प्रमाणीकरण प्राप्त करने हेतु आवेदन प्राप्त कर विवरण सीजीसर्ट कार्यालय को जमा करना होता है। सीजीसर्ट इस प्राप्त आवेदन के पंजीयन उपरांत निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया संपन्न करती है। निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण प्रक्रिया को संपन्न करने हेतु सीजीसर्ट में प्रशिक्षित एवं अनुभवी निरीक्षक एवं प्रमाणीकरण निर्णय कमेटी में विषय विशेषज्ञ है। जैविक खेती एवं उत्पादन का निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण कार्य एक सतत प्रक्रिया है, जिसे किसानों एवं उत्पादनकर्ता को पालन करना अनिवार्य होता है।

गौरतलब है कि देश में जैविक खेती एवं जैविक उत्पादों की अपार संभावना को देखते हुए भारत सरकार द्वारा जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के क्षेत्रा में बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम मानक को वर्ष 2005 में लॉच किया। इसके लिए एपिड़ा, नई दिल्ली ने महत्वपूर्ण भमिका निभाते हुए सभी प्रदेश स्तर पर प्रमाणीकरण संस्थाओं का गठन किया है। भारतीय जैविक मानक यूरोपीय मानकों और स्विट्जरलैंड मानकों के समकक्ष है। इसी प्रक्रिया में सीजीसर्ट को जैविक प्रमाणीकरण कार्य हेतु मान्यता प्रदान किया गया है।

सीजीसर्ट किसानों के जैविक खेतों के निरीक्षण एवं प्रमाणीकरण प्रक्रिया में विभिन्न फसलों के जैविक उत्पादन में प्रबंधित फसलों के रख रखाव इत्यादि का एन.पी.ओ.पी मानक अनुसार निरीक्षण का कार्य करती है। प्रमाणीकरण प्रक्रिया अंतर्गत कोई भी व्यक्तिगत किसान, किसानों का समूह, प्रसंस्करणकर्ता, विक्रयकर्ता को पंजीयन कराना अनिवार्य होता है। सीजीसर्ट ऐसे उत्पादक कृषक समूहों का भी जैविक प्रमाणीकरण का कार्य करती है जो एक क्लस्टर में समूह बनाकर जैविक खेती का कार्य करते है। समूह खेती में छोटे-छोटे कृषकों द्वारा जैविक खेती करने के जैविक उत्पादन का रकबा तथा मात्रा दोनों में ही वृद्धि होती है तथा प्रमाणीकरण का खर्च भी कम पड़ता है। इसके अतिरिकत उत्पादन मात्रा अधिक होने के कारण जैविक उत्पादों का व्यापारी इन उत्पादों को विक्रय के लिए आकर्षित होता है।

सीजीसर्ट वनो से संग्रहित की जाने वाली लघु वनोपजों जिसमें विभिन्न प्रकार के औषधीय उत्पाद जैसे हर्रा, बहेड़ा, ऑवला, महुआ, इमली, चिरौंजी तथा वन्य शहद के प्रमाणीकरण का कार्य करती है। जंगलो से प्राप्त होने वाले उत्पादों की प्रकृति स्वतः ही जैविक होती है। जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया में इन लघु वनोपजों के उत्पादन क्षेत्रों एवं रखरखाव इत्यादि का निरीक्षण एवं मूल्यांकन का कार्य एन.पी.ओ.पी मानक अनुसार किया जाता है। सीजीसर्ट द्वारा प्रसंस्करण ईकाइयों में तैयार किये जाने वाले प्रसंस्कृत जैविक उत्पादों एवं कृषि कार्यो हेतु आवश्यक जैविक खाद इत्यादि का भी प्रमाणीकरण किया जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here