जिला पंचायत रायपुर के सीईओं श्री अबिनाश मिश्रा ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को धान का कटोरा के नाम से जाना जाता है। यहां बड़ी संख्या में किसान धान की पैदावार करते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बहुत तेजी से आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। रायपुर में भी पहले की अपेक्षा वर्तमान में व्यापार में तेजी आई है और बड़े बाजार के रूप में उभर कर रायपुर आगे बढ़ रहा है। राज्य में भी चावल के साथ स्टील, एल्युमिनियम, लोहा के साथ वन संपदा भरपूर मात्रा में पाई जाती है अब विदेशों से भी इसकी मांग की जा रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को औद्योगिक रूप के साथ आगे बढ़ाने के साथ ही छोटे एंव मध्यम उद्योग को बढ़ावा दिया जाना है। ताकि लोगों को स्थानीय स्तर बेहतर रोजगार मिल सके। कार्यशाला का उद्देश्य है कि राज्य के अन्य सामग्रियों को भी विदेशों में निर्यात करके बढ़ावा दिया जाए।
श्री व्ही. श्रमन ने अपने सम्बोधन में कहा कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए नागपुर के अंतर्गत वर्तमान में 49 जिला को निर्यात केन्द्र को बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के रायपुर में पहला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाल में सभी जानकारी आपको ऑनलाइन अपडेट घर बैठे पंजीयन करने के आसान तरीके है। इसके साथ ही पोर्ट इकोस्पोर्ट, कस्टम ड्यूटी, बैंकिंग कार्य, डाकघर निर्यात, कन्टेनर के माध्यम से निर्यात, ई-कॉमर्स कस्टम ड्यूटी, बिल एंट्री, सिपिंग बिल, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, आदि जानकारी दी गई है। जहां विशेषज्ञों के द्वारा ई-कॉमर्स निर्यात घर बैठे ऑनलाईन की जानकारी, बैकिंग सुविधा आदि डीजीएफटी के टीम के द्वारा बताया गया।
इस अवसर पर डीजीएफटी डॉ. व्ही. श्रमन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के जोनल मैंनेजर श्री प्रशांत कुमार राजू, ब्रांच मैनेजर ईसीजीसी श्री संग्राम केसरी बिसोई, इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के श्री राजन ठोकर, भारतीय डाक विभाग, जिला उद्योग विभाग के अधिकारी श्री संजय गजघाटे, सुश्री सोनाली मोरई और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।