छत्तीसगढ़ के जगदलपुर शहर में प्रधानमंत्री के प्रवास से पहले बस्तर में पीएम आगमन के विरोध के स्वर गुंजने शुरू हो गए हैं. दरअसल सर्व आदिवासी समाज ने प्रधानमंत्री के प्रवास के दिन ही बस्तर बंद का ऐलान किया है और इसे सफल बनाने के लिए समाज के लोग सोमवार 2 अक्टूबर से ही गांव-गांव पहुंचकर बस्तर बंद को सफल बनाने के लिए ग्रामीणों से आह्वान कर रहे हैं. यही नहीं सोमवार को सर्व आदिवासी समाज ने पूरे जिले में विशाल बाइक रैली निकालकर अपनी चार मांगों को लेकर नगरनार स्टील प्लांट के सामने धरना प्रदर्शन भी किया, और प्रधानमंत्री वापस जाओ के नारे भी लगाए. इस दौरान बस्तर संभाग के सैकड़ों आदिवासी इस रैली में शामिल रहे. सर्व आदिवासी समाज अपने विरोध रैली में पहले चरण में मोटरसाइकिल में सवार होकर दूसरे चरण में चार पहिया वाहन के सवार होकर और तीसरे चरण में बस में सवार होकर पूरे जिले में रैली निकाली.
धरना प्रदर्शन को कई वर्गों का समर्थन मिला
सर्व आदिवासी समाज के इस धरना प्रदर्शन का अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ और विभिन्न समाजों ने भी समर्थन किया. सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि आदिवासी समाज के द्वारा 4 बिंदुओं को लेकर सोमवार को एक दिवसीय रैली और नगरनार के सामने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया. इन चार मांगो में नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण का विरोध, NMDC का मुख्यालय बस्तर में होने की मांग और स्थानीय लोगों की भर्ती की मांग के साथ ही जातिगत जनगणना कराने की मांग आदिवासी समाज ने की है. यह रैली सर्व आदिवासी समाज, ओबीसी महासभा और पिछड़ा वर्ग कल्याण संघ के संयुक्त तत्वाधान में निकाला गया.
बस्तर बंद को मिला चैंबर ऑफ कॉमर्स और कांग्रेस का समर्थन
इधर सर्व आदिवासी समाज के संभागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने 3 अक्टूबर को बस्तर बंद का भी ऐलान किया है. इस बंद को बस्तर चेम्बर ऑफ़ कॉमर्स औऱ कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन मिला है. जिसे उन्होंने बस्तर संभाग संपूर्ण रूप से बंद रहने की बात कही है. साथ ही उन्होंने कहा कि बंद के लिए पहले ही सभी को जानकारी दे दी गई है कि सभी व्यापारी बंद का समर्थन करते हुए अपनी संस्थाने बंद रखेंगे ताकि सर्व आदिवासी समाज के लोगों के द्वारा घूम-घूम कर बंद करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
इधर भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री केदार कश्यप के द्वारा एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण नहीं होने देने के बयान पर प्रकाश ठाकुर ने कहा कि केदार कश्यप की बातों को हम नहीं मानते, जब तक प्रधानमंत्री खुद ये ना कह दे कि एनएमडीसी स्टील प्लांट का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा ऐसे में हम किसी के बात पर विश्वास नहीं रखते. सर्व आदिवासी समाज ने मांग रखी है कि उनका समाज प्रधानमंत्री से मुलाकात कर अपनी बात रखें और इससे स्पष्ट हो कि नगरनार स्टील प्लांट का निजीकरण होगा या नहीं, फिलहाल 3 अक्टूबर को समूचे बस्तर संभाग में बंद का असर देखने को जरूर मिलेगा. हालांकि प्रकाश ठाकुर ने बताया कि इस बंद से शैक्षणिक संस्था, आपातकालीन सेवा और आवागमन को भी पूरी तरह से दूर रखा गया है, केवल व्यापारिक संस्थाने ही बंद रहेंगी.
बस्तर बंद का समर्थन कर आदिवासियों का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही कांग्रेस
वहीं आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सर्व आदिवासी समाज के द्वारा बुलाये गए इस बंद को कांग्रेस का समर्थन मिलने से इसके कई मायने भी निकाले जा रहे हैं. बस्तर के वरिष्ठ पत्रकार संजीव पचौरी का कहना है कि इस बंद का समर्थन कर कांग्रेस अपनी राजनीतिक रोटी सेंक रही है. बस्तर में आदिवासी समाज पहले ही कांग्रेस और भाजपा से नाराज चल रही है, ऐसे में निजीकरण के मुद्दे को ढाल बनाकर कांग्रेस आदिवासी समाज का भरोसा जीतना चाह रही है. हालांकि कांग्रेस भी एनएमडीसी स्टील प्लांट के निजीकरण का लगातार विरोध करते आ रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के बस्तर प्रवास के दौरान अचानक समाज के द्वारा बुलाए गए बस्तर बंद और इस बंद को कांग्रेस का समर्थन इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं.