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पिछले चार सालों में नक्सली वारदातों में आई 52 फीसदी की कमी, राज्य सरकार का दावा

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छत्तीसगढ़ सरकार ने दावा किया है कि पिछले लगभग चार वर्ष के दौरान राज्य में नक्सल वारदातों में 52 फीसदी की कमी आई है. जनसंपर्क विभाग ने एक विज्ञप्ति जारी कर सोमवार को यह जानकारी दी. विभाग ने बताया है कि वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक नक्सल वारदातों में 52 फीसदी की कमी आई है.

4 साल में नक्सली वारदातों में आई 52 फीसदी की कमी

सरकार की तरफ से कहा गया कि, राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या शिक्षा की थी. नक्सलियों द्वारा स्कूलों को निशाना बनाया गया था. नक्सली हिंसा के कारण डेढ़ दशक से बंद पड़े 314 स्कूलों का फिर से संचालन शुरू किया गया है. इसके साथ ही 589 गांव भी नक्सल मुक्त हो चुके है और 5.74 लाख से अधिक लोग हिंसा और दहशत से मुक्त हुए हैं.

जनसंपर्क विभाग ने कहा कि राज्य सरकार ने ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ के ध्येय के साथ काम करते हुए राज्य में न्याय, विश्वास और सुरक्षा के मूल मंत्र पर आगे बढ़ते हुए पिछले पांच वर्षों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. राज्य की बेसिक पुलिसिंग ने जनता का भरोसा जीता है और राज्य में अपराधों पर अंकुश भी लगा है.

महिला अपराधों में 40 फीसदी की कमी 

जनसंपर्क विभाग ने बताया है कि राज्य में 2015 से 2018 की तुलना में 2019 से अब तक महिला अपराधों में 40 फीसदी की कमी आयी है. महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है जिसमें महिलाओं से दुष्कर्म के आरोपियों को शासकीय नौकरी देने पर रोक लगा दी गयी है. महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए राज्य के चार जिलों में अलग से महिला थाने की स्थापना की गयी है. राज्य के 455 पुलिस थानों और चौकियों में महिला सेल का संचालन किया जा रहा है.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि राज्य में जुए सट्टा के प्रभाव को रोकने के लिए राज्य में जुआ प्रतिषेध अधिनियम में कड़े प्रावधानों को शामिल किया गया है जिसमें ऑनलाइन जुए के लिए भी सजा का प्रावधान है. विज्ञप्ति के अनुसार, छत्तीसगढ़ पुलिस नशीले पदार्थों को लेकर विशेष अभियान चला रही है जिससे नशीले पदार्थों की तस्करी पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सका है.

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