छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने लोकसेवा आयोग (PSC)के अभ्यर्थियों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(CM Bhupesh Baghel) ने आयोग की परीक्षाओं के दस्तावेजों को विनिष्टिकरण की व्यवस्था में बदलाव लाने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री के निर्देश का पालन करते हुए राज्य शासन ने लोक सेवा आयोग को आयोग की परीक्षाओं की आंसर सीट (answer sheet) और दस्तावेजों(Documents) के विनिष्टिकरण के अवधि को दो साल किए जाने का प्रस्ताव भेजा है.
आंसर सीट विनिष्टिकरण की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव
दरअसल पीएससी परीक्षाओं की आंसर सीट और दस्तावेज के जलाकर विनिष्टि किए जाने के कायदे कानून छत्तीसगढ़ राज्य में लंबे समय से चली आ रही है. इसमें बदलाव लाने के लिए मुख्यमंत्री ने आवश्यक निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार में राज्य शासन द्वारा लोक सेवा आयोग को आंसर सीट और अन्य दस्तावेजों को विनिष्टिकरण की अवधि को दो साल तक बढ़ाये जाने का प्रस्ताव भेजा गया है. इसके बाद दस्तावेजों को 2 साल तक स्टोर करके रखा जाएगा.
मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप के बाद विवाद
आपको बता दें कि पीएससी 2021 के मेरिट लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया जा रहा है. बीजेपी और पीएससी के अभ्यर्थी ने आरोप लगाया है कि पीएससी के चेयरमैन और कांग्रेस के नेताओं के रिश्तेदारों के चयन किया गया है.ये मामला बिलासपुर हाईकोर्ट पहुंच गया है. कोर्ट में बीजेपी ने 18 लोगों के चयन पर संदेह जताया है. इसके बाद कोर्ट ने भी इनकी नियुक्ति रोकने के आदेश दिए है. इस मामले में अगली सुनवाई 6 अक्टूबर को होगी. लेकिन पीएससी रिजल्ट में गड़बड़ी का विवाद छत्तीसगढ़ के चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया है.
बीजेपी की सरकार बनी तो घोटाले की होगी जांच- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने बिलासपुर और जगदलपुर के में आयोजित आम सभा में कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. पीएम मोदी ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने पर पीएससी में कथित घोटाले की जांच कराने का वादा किया है.वहीं इस मामले में बीजेपी लगातार कांग्रेस सरकार को घेरने में जुटी है. 6 अक्टूबर को बीजेपी युवा मोर्चा का रायपुर में बड़ा प्रदर्शन है. बीजेपी के आरोपों के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में जांच कराने की बात कही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.