डीजे की तेज आवाज और धुमाल को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव ने बुधवार को सभी कलेक्टर और एसपी की बैठक बुलाई है। हाईकोर्ट में मुख्य सचिव से शपथ पत्र मांगे जाने की वजह से इस बैठक को रखा गया। छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने उम्मीद जताई है कि इससे प्रदेश की जनता को डीजे की तेज आवाज से छुटकारा मिलेगा।
बता दें 2016 में सीनियर एडवोकेट नितिन सिंघवी के जनहित याचिका में दिए गए निर्णय का पालन नहीं होने के कारण संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट में रायपुर के कलेक्टर और एसपी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने अपने हाल ही में दिए आदेश में लिखा है कि 2016 के आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण डिवीजन बेंच में अवमानना याचिका लंबित है।
रायपुर कलेक्टर और एसपी के खिलाफ चार अवमानना याचिका
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति की ओर से अब तक रायपुर कलेक्टर और SP के खिलाफ हाईकोर्ट में चार अवमानना याचिका दायर की गई है। लेकिन राजधानी में तेज आवाज वाली डीजे पर अब तक लागाम नहीं लग पाया है।
संघर्ष समिति ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट की ओर से दिए गए 2016 के आदेश को पूरे प्रदेश में लागू कराया जाए। अपने पिटीशन में उन्होंने कहा है कि हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों का रायपुर में भी पालन नहीं हो रहा है।
क्या है 2016 का आदेश
हाईकोर्ट ने 2016 में वाहनों में बजने वाले डीजे के संबंध में दिशा निर्देश दिए गए हैं कि वाहनों में डीजे नहीं बजेंगे, जब भी ऐसे डीजे दिखेंगे उनके स्पीकर उतारे जाने हैं और जिला मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद ही छोड़ा जाएगा। कोर्ट ने कहा है कि बसों, ट्रकों में बजने वाले प्रेशर हॉर्न को जब्त करके नष्ट किया जाए। स्कूल, कॉलेज, गवर्नमेंट हॉस्पिटल, कोर्ट और ऑफिस के 100 मीटर के दायरे में ध्वनि प्रदूषण नहीं होगा।
अवमानना याचिका से निकलेगा हल
संघर्ष समिति ने बताया की कोर्ट के दिए निर्देशों के अनुसार जब भी कोई आयोजक किसी बर्थडे पार्टी या धार्मिक- सामाजिक आयोजन में ध्वनि प्रदूषण करता है तो जिला प्रशासन को आयोजनकर्ता को हाईकोर्ट के आदेश से अवगत कराना होगा। अगर वे इस आदेश को नहीं मानते हैं तो आयोजक के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर करनी होगी।
संघर्ष समिति ने कहा रायपुर कलेक्टर और एसपी ने हाईकोर्ट में दस महीने पहले शपथ पत्र दे रखा है कि वे दो लोगों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करेंगे लेकिन आज तक के पिटीशन दायर नहीं की गई है। समिति ने मांग की ऑर्गेनाइजर के विरुद्ध कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जाएगी तो प्रदेशवासियों को तेज आवाज वाली डीजे से मुक्ति मिल सकेगी।