छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में सहायक शिक्षक की परीक्षा क्लियर कर चुके जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति नहीं दिए का जाने का मामला सामने आया था. जिसको लेकर पीड़ित कैंडिडेट्स ने एबीपी न्यूज से अपना दर्द बयां किया और न्याय दिलाने की अपील की. इस संबंध में सरगुजा (Surguja), बिलासपुर (Bilaspur) और रायपुर (Raipur) के कई जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स ने बताया था कि जून ने एग्जाम हुआ था और सितंबर माह में काउंसलिंग कराई गई.
कैंडिडेट्स ने बताया था कि इसके बाद उन्हें स्कूल भी एलॉट हो गया था, लेकिन जहां स्कूल एलॉट हुआ वहां के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जानकारी मिली थी अभी जनरल कैटेगरी के कैंडिडेट्स को नियुक्ति नहीं दी जा रही है. तब एक शिक्षक के रूप में अपना कैरियर शुरू करने का सपना देख रहे जनरल कैटेगरी के युवाओं को झटका लगा. कैंडिडेट्स ने आरोप लगाया कि जनरल कैटेगरी वालों को जानबूझकर नियुक्ति नहीं दी जा रही है, जबकि उनका दस्तावेज सत्यापन के बाद उन्हें स्कूल भी एलॉट भी हो गया था.
एबीपी न्यूज की खबर का हुआ असर
वहीं सहायक शिक्षक के लिए चयनित कैंडिडेट्स के मसले को लेकर एबीपी न्यूज ने “शिक्षक पद पर चयनित जनरल कैटेगरी कैंडिडेट को झटका, स्कूल एलाट पर नहीं मिला ज्वाइनिंग लेटर” नामक शीर्षक से प्रमुखता से खबर प्रकाशित की और संबंधित अफसरों तक पीड़ित कैंडिडेट्स की मांग पहुंचाई. एबीपी न्यूज की खबर के बाद लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ ने मामले को संज्ञान लिया और बताया कि सहायक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया के क्रम में सभी श्रेणी के कैंडिडेट्स को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया जा रहा है.
अधिकारियों ने क्या बताया
दस्तावेज सत्यापन के उपरांत पात्र कैंडिडेट्स को उनकी मेरिट के अनुसार रैंक और उपलब्ध पदों के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी किए गए हैं. बताया गया कि यदि अन्य पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के कैंडिडेट की मेरिट में रैंक सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट से उपर है, तो उसे अनारक्षित श्रेणी में नियुक्ति की पात्रता है. वहीं अधिकारियों ने बताया कि नियुक्ति की कार्यवाई शीघ्र पूर्ण करने के लिए उपलब्ध पदों से अधिक कैंडिडेट्स को दस्तावेज सत्यापन के लिए आमंत्रित किया गया था.
अनारक्षित संवर्ग में नियुक्ति नहीं मिल पाई क्योंकि…
उन्होंने बताया कि इस कारण सामान्य श्रेणी के कुछ ऐसे कैंडिडेट्स जिनके रैंक अन्य पिछडा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के रैंक से नीचे थी, उन्हें अनारक्षित संवर्ग में नियुक्ति नहीं मिल पाई है क्योंकि अनारक्षित संवर्ग के पद भर गए हैं. यहां स्पष्ट किया गया है कि अनारक्षित संवर्ग में नियुक्ति प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स से उपर रैंक वाले किसी भी श्रेणी का कोई कैंडिडेट नहीं छूटा है.
वहीं अनारक्षित संवर्ग में नियुक्ति प्राप्त करने वाले कैंडिडेट की अंतिम रैंक 2005 है. अधिकारियों ने बताया कि यदि इस रैंक से उपर का कोई अभ्यर्थी नियुक्ति से छूटा है और दस्तावेज सत्यापन में उसे पात्र पाया गया है, तो ऐसा व्यक्ति संचालक लोक शिक्षण संचालनालय छत्तीसगढ़ के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत कर सकता है.