सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) की अध्यक्षता में 6 अक्टूबर (शुक्रवार) को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की गई. जिसमें छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने राज्य में महुआ के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, प्रसंस्करण और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य महुआ बोर्ड(Mahua Board) के गठन का निर्णय लिया है. उन्होंने बताया कि राज्य में महुआ के वृक्ष बहुतायत में पाये जाते हैं. उन्होंने बताया कि महुआ के फूल का पशु, पक्षी और मनुष्य सभी उपयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि महुआ के बीज से तेल भी निकलता है, महुआ के फूल में औषधीय गुण भी मौजूद होते हैं तथा इसका बीज स्वस्थ वसा का अच्छा स्त्रोत है.
ग्रामीणों की अजीविका का स्त्रोत है महुआ
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में महुआ की उपलब्धता और इसके उपयोग की बहुलता तथा वन एवं वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले ग्रामीणों की आजीविका का मुख्य स्रोत होने के कारण यह आवश्यक है कि इसके विकास के लिए विशेष प्रयास किये जाएं, ताकि महुआ के फूल, फल और बीज का अच्छी गुणवत्ता के साथ संग्रहण और प्राथमिक प्रसंस्करण हो सके. इसके खाद्य एवं औषधीय उपयोग के साथ-साथ प्रसंस्करण को भी बढ़ावा मिल सके और बायोडीजल या एथनॉल के उत्पादन के लिए उद्योगों की स्थापना भी संभव हो सके, इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए राज्य महुआ बोर्ड की स्थापना की गई है.
पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांकेर के गोविंदपुर में आयोजित नगरीय निकाय एवं पंचायती राज महासम्मेलन में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनी के अधिकारी-कर्मचारी जो एक जनवरी 2004 अथवा उसके बाद नियुक्त हुए हैं, उनके लिए नवीन अंशदान पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की घोषणा की. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की घोषणा का मंत्रिमंडल ने अनुमोदन कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि इस निर्णय से स्टेट पावर कंपनी के करीब 10 हजार अधिकारी-कर्मचारी लाभान्वित होंगे.