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कृषि व ग्रामीण बैंकों में अब नहीं दिखेंगे खाता-बही, कम्प्यूटराइज्ड होंगे ऑफिस, सरकार ने बनाया ये प्लान

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पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सुविधाओं की पहुंच तेजी से बढ़ी है. अब हर व्यक्ति मोबाइल के जरिए लेन-देन कर रहा है. डिजिटल बैंकिंग के जरिए आम आदमी का वित्तीय जीवन काफी आसान हो गया है. हालांकि, इस दौर में भी कुछ बैंक ऐसे हैं जो पूरी तरह से कम्यूटराइज्ड नहीं हैं. इसी कड़ी में भारत सरकार देश में स्थित राज्य सहकारी रजिस्ट्रार और कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों (ARDB) के 1,851 कार्यालयों का 225.09 करोड़ रुपये से कम्प्यूटरीकरण करेगी.

सरकार ने रविवार को यह घोषणा की. सरकार देश में सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) को कम्प्यूटरीकृत कर रही है. सहकारिता मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “देश के सभी पीएसीएस की कम्प्यूटरीकरण योजना की तर्ज पर एक राष्ट्रीय एकीकृत सॉफ्टवेयर के माध्यम से 13 राज्यों के एआरडीबी की 1,851 इकाइयों के कम्प्यूटरीकरण के लिए एक योजना को मंजूरी दी गई है.”

225 करोड़ रुपये खर्च करेगी सरकार
इसमें कहा गया कि सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के कार्यालयों को कम्प्यूटरीकृत करने का भी निर्णय लिया है. बयान के अनुसार, योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए एक केंद्रीय परियोजना निगरानी इकाई (पीएमयू) की स्थापना की जाएगी. इस योजना पर कुल अनुमानित व्यय 225.09 करोड़ रुपये होगा.

मंत्रालय ने कहा कि इस योजना के कार्यान्वयन से न केवल लोग राज्यों के सहकारी विभागों और एआरडीबी के कार्यालयों द्वारा दी जाने वाली सेवाओं का तेजी से लाभ ले सकेंगे, बल्कि इन कार्यालयों के कामकाज में पारदर्शिता और एकरूपता भी आएगी.

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