पुलिस विभाग द्वारा संचालित डायल 112 अब घायलों व प्रसूताओं के लिए वरदान साबित होने लगा है. किसी भी दुर्घटना या रात में प्रसूता की पीड़ा बढ़ जाने पर एक कॉल पर ही न सिर्फ मौके पर पहुंचती है बल्कि पूरी तत्परता के साथ मदद के लिए पहुंच जाते है. बीती रात भी प्रसूता के लिए डायल 112 वाहन उस समय संजीवनी साबित हो गई, जब प्रसूता की पीड़ा बढ़ जाने पर कोई वाहन की व्यवस्था नहीं थी. हालांकि डायल 112 में तैनात पुलिस कर्मी ने प्रसूता को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आ रहे थे, परंतु प्रसव पीड़ा इतनी बढ़ गई कि प्रसूता को अस्पताल पहुंचाना मुश्किल हो गया. प्रसूता को तड़पते देख डायल 112 की टीम ने सड़क किनारे ही वाहन खड़ा कर दिया. वहीं प्रसूता के साथ आ रही महिलाओं ने वाहन में ही प्रसव कराया. डायल 112 की टीम ने तत्काल जच्चा बच्चा को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया. चिकित्सकों के मुताबिक जच्चा बच्चा की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है.
लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही 112
जानकारी के अनुसार अम्बिकापुर शहर से लगे ग्राम परसा पाली निवासी मंजीता पासवान को बीती रात अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता को अस्पताल ले जाने के लिए परिजन वाहन की व्यवस्था करने में जुट गए, परंतु वाहन की व्यवस्था नहीं होने पर परिजन तत्काल डायल 112 को घटना की सूचना दी. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए डायल 112 में तैनात आरक्षक सियंबर व चालक देवेंद्र कुमार राजवाड़े न प्रसूता का पता पूछ मौके पर पहुंचे और प्रसूता को मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में दाखिल कराने रवाना हो गए. वहीं प्रसूता की पीड़ा असहनीय हो गई, जिसे देख पुलिस कर्मियों ने वाहन को रोकना ही मुनासिब समझा और सड़क किनारे वाहन को रोक दी. वाहन के रूक जाने पर प्रसूता ने साथ आई महिलाओं की मदद से महिला ने वाहन में स्वस्थ लड़का शिशु को जन्म दी. शिशु के जन्म हो जाने पर डायल 112 की टीम ने तत्काल जच्चा बच्चा को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां अस्पताल स्टाफ ने शिशु का नाभि नाल काटकर दोनों को भर्ती किया. चिकित्सकों के मुताबिक जच्चा बच्चा की हालत खतरे से बाहर है.
एक माह के भीतर वाहन में दूसरा प्रसूता
डायल 112 में प्रसूता को प्रसव होने की यह पहली घटना नहीं है. एक माह के भीतर ही डायल 112 वाहन में दूसरी प्रसूता ने वाहन में स्वस्थ शिशु को जन्म दिया है. इससे पूर्व 23 सितम्बर की रात अम्बिकापुर शहर से लगे काम बांस निवासी रजू वास पति अर्जुनदास को प्रसव पीड़ा होने पर उसे डायल 112 से मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया जा रहा था. तभी रास्ते में प्रसूता की पीड़ा काफी बढ़ गई. डायल 112 की टीम ने वाहन को सड़क किनारे खड़ा किया. जहां प्रसूता के साथ आ रही रिश्तेदार महिलाओं ने प्रसव कराया.
डायल 112 घायलों के लिए वरदान
सरगुजा जिले के एक सहित अन्य मार्ग पर आए दिन दुर्घटनाएं होती है. जिसकी सूचना मिलते ही संजीवनी 108 से पहले डायल 112 वाहन मौके पर पहुंच जाती है. हालांकि संजीवनी 108 के पहुंचने पर घायलों को संजीवनी वाहन से ही अस्पताल भेज दिया जाता है. परंतु अधिकांश घटनाओं में संजीवनी वाहन के उपलब्ध नहीं होने पर घायलों को डायल 112 से ही अस्पताल पहुंचाया जाता है. ऐसे में अब सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के लिए डायल 112 वाहन वरदान साबित होने लगा है.