शारदीय नवरात्रि का आज पांचवा दिन है. पांचवे दिन माता के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है. नवरात्रि के नौ दिन देवी मां के नौ स्वरूपों को समर्पित होते हैं. मान्यता है कि स्कंदमाता की पूजा करने से ही मां पल भर में भक्तों की मनोकामना पूरी कर देती हैं. रायपुर के विभिन्न मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है. वहीं आज मंदिरों में मां का विशेष श्रृंगार किया गया है.
शास्त्रानुसार सिंह पर सवार स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं, जिसमें देवी एक भुजा में बाल कार्तिकेय को गोद में उठाए उठाए हुए हैं. इनके दो हाथ में कमल पुष्प है. एक में इन्होंने जगत तारण वरद मुद्रा बना रखी है और इनका वर्ण पूर्णतः शुभ्र है. देवी कमल के आसान पर विराजमान रहती हैं. इसलिए इन्हें पद्मासन देवी भी कहा जाता है.
स्कंदमाता का मंत्र-
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।