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‘पीएम हारते हैं तो…’, सीएम भूपेश बघेल पर BJP नेताओं के हमलों के बीच बोले अखिलेश प्रताप सिंह

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छत्तीसगढ़ में मंगवार को पहले पहले चरण का मतादन कराया जा रहा है. वहीं प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की ओर से सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और महादेव ऐप (Mahadev App) को लेकर किए गए दावे के बाद प्रदेश की सियासत का पारा भी चढ़ा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता लगातार मुख्यमंत्री बूपेश बघेल पर हमलावर है. पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), पूर्व सीएम रमन सिंह (Raman Singh) और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) समेत कई बीजेपी नेताओं ने सीएम भूपेश बघेल पर महादेव ऐप मामले को हमला होला है.

वहीं बीजेपी की ओर सीएम बघेल पर हो रहे हमलों के बीच कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश प्रताप सिंह (Akhilesh Pratap Singh) ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी है.  कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश प्रताप सिंह ने महादेव ऐप मामले पर कहा कि जो आदमी पकड़ा जा रहा है, वो बीजेपी का है. अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिस गाड़ी में पैसा  पकड़ा जा रहा है वो बीजेपी के बड़े नेता की है  और बीजेपी दूसरों पर आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा “सबको पता है कि जब पीएम मोदी हारते हैं, तो ऐसा ही करते हैं, लेकिन वो अपने हरकतों से बाज नही आ रहे हैं. सबको पता है सीएम भूपेश बघेल ने इस मामले में कार्रवाई की. सीएम भूपेश बघेल के आदेश पर ही इस मामले में 400 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया. ”

अखिलेश प्रताप सिंह ने क्या कहा
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अखिलेश प्रताप सिंह ने आगे कहा कि इतना ही नहीं सीएम भूपेश बघेल ने ही केंद्र सरकार को कहा कि इस मामले से जुड़े लोगों पर कार्रवाई कीजिए. उनको गिरफ्तार कीजिए. केंद्र सरकार ने कार्रवाई क्यों नहीं की. इस महादेव ऐप को बंद करने को भी कहा गया. केंद्र सरकार ने फिर भी इसे बंद क्यों नहीं किया. इस ऐप का मालिक बाहर भाग गया है. बीजेपी सोचती है कुछ इधर उधर करके चुनाव जीत जाएं, लेकिन छत्तीसगढ़िया बहुत समझदार हैं. उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी डबल डिजिट क्रॉस नहीं कर पाएगी.

कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ने कहा कि बीजेपी के विधायक दो अंकों में भी नहीं पहुंच पाएंगे. बीजेपी के नारे जुमले हैं. बीजेपी के पास न नेतृत्व है.  ना ही एजेंडा है. भ्रस्टाचार तो बीजेपी के लिए शिष्टाचार है. बस्तर के नगरनार में 22 हजार करोड़ की इंडस्ट्री चालू होने के पहले ही इसे पीएम के मित्रों के बेचने की तैयारी हो गई. राज्य सरकार ने कहा कि इसे प्राइवेट हाथों में नहीं देना चाहिए. प्रदेश सरकार को दे दो, लेकिन नहीं केंद्र की सरकार ने ऐसा नहीं किया, क्योंकि उनको यहां सत्ता जनता के लिए नहीं अपने मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए चाहिए.

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