छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान जारी है. इसी बीच सीएम भूपेश बघेल ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) और आईटी (IT) पर निशाना साधा है. प्रदेश में महादेव ऐप को लेकर किए गए दावे के बाद छत्तीसगढ़ में सियासत का पारा भी चढ़ा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमलावर है. सीएम बघेल ने ईडी और आईटी पर मजाकिया अंदाज में बयान देते हुए कहा है कि अब ED और IT वाले 17 तारीख के बाद थोड़ा ब्रेक लेंगे फिर लोकसभा चुनाव के पहले अपनी ट्रिप प्लान करेंगे.
सीएम का ED और IT पर तंज
छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के बीच सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत की. बातचीत के दौरान सीएम ने सरकारी एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) और आईटी (IT) पर कमेंट किया. उन्होंने कहा कि, ये ED और IT वाले 17 तारीख के बाद थोड़ा ब्रेक लेंगे, अपने बच्चों के साथ छुट्टियां बिताएंगे. फिर लोकसभा से पहले ये फिर ट्रिप प्लान करेंगे. सीएम ने आगे निशाना साधते हुए कहा कि, मैं तो पहले ही कहता हूं ईडी ही भाजपा है और भाजपा ही ईडी है. अब वो नहीं दिखेंगे अब आराम करेंगे और करेंगे क्यों नहीं भाई उनके भी बाल बच्चे हैं.
सीएम पहले भी लगा चुके हैं आरोप
बता दें, इससे पहले भी सीएम भूपेश बघेल प्रवर्तन निदेशालय और आईटी (IT) को अपने बयान में घेरते आए हैं. उन्होंने पहले भी इन सरकारी एजेंसियों पर इल्जाम लगाते हुए इन्हें बीजेपी का दूसरा रूप बताया है. गौरतलब है कि महादेव बेटिंग ऐप मामले में सीएम सहित कई लोगों का नाम सामने आया है. इसके अलावा आरोपी एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, कांस्टेबल भीम सिंह, सतीश चंद्राकर, हवाला ऑपरेटर्स दमानी भाई और आसिम दास ईडी की हिरासत में हैं. ईडी ने इस सभी को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. ईडी ने जिस आसिम दास को पकड़ा है, उसके पास से 5.39 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. कहा जा रहा है कि इसे दुबई से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कैश देने के लिए भेजा गया था.
6000 करोड़ रुपये का हुआ है घोटाला
वहीं महादेव बेटिंग ऐप मामले में ईडी ने 21 अक्टूबर को पहली चार्जशीट दायर की थी. इसमें कुल मिलाकर 14 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इसमें बेटिंग ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर और उसका सहयोगी रवि उप्पल शामिल हैं. ईडी ने रायपुर की पीएमएलए कोर्ट को बताया था कि उसने 41 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. जांच एजेंसी का कहना था कि ये मामला 6000 करोड़ रुपये के घोटाले का है.