अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को होने जा रही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) की तैयारियां चल रही हैं. ऐसे समय में छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai) सरकार ने प्रदेशवासियों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. दरअसल, बुधवार को विष्णुदेव साय सरकार की कैबिनेट बैठक हुई. इस बैठक में सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू करने का फैसला किया है. साथ ही काशी विश्वनाथ के दर्शन का भी निर्णय लिया गया है. प्रदेश सरकार रामलला दर्शन योजना की शुरुआत 22 जनवरी यानी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन से करने जा रही है.
रामलला दर्शन योजना के तहत हर साल लगभग 20 हजार यात्रियों को रामलला दर्शन के लिए तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाएगा. इस योजना के तहत 18 से 75 साल तक की आयु के लोग तीर्थ यात्रा के चयनित होंगे. रामलला दर्शन योजना के प्रथम चरण में 55 वर्ष से ऊपर के यात्रियों को तीर्थ यात्रा पर भेजा जाएगा. इसके बाद अन्य आयु वर्ग के लोगों को भेजा जाएगा. इस पूरी योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल को दी गई है. वहीं पर्यटन विभाग इस योजना के लिए बजट की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा.
हर जिले में जिले में बनेगी रामलला दर्शन समिति
इसके लिए प्रत्येक जिले में कलेक्टर की अध्यक्षता में एक रामलला दर्शन समिति बनेगी. समिति के और चयनित एक निश्चित कोटा के अनुपात के हिसाब से हितग्रहियों का चयन किया जाएगा. जितने भी तीर्थ यात्रियों का चयन किया जाएगा, उनको यात्रा करने के लिए दुर्ग, रायपुर, रायगढ़ और अंबिकापुर रेलवे स्टेशनों पर पहुंचना होगा. इन्हीं रेलवे स्टेशनों से यात्रा की शुरुआत की जाएगी. यात्रा शुरू करने के बाद सभी यात्री पहले अयोध्या पहुंचकर ररामलला के दर्शन करेंगे.
इसके बाद सभी यात्रियों को वाराणसी में एक दिन की यात्रा कराई जाएगी. यहां यात्री काशी विश्वनाथ के दर्शन के साथ- साथ गंगा आरती देख सकेंगे. इस यात्रा के पहले चरण में आईआरसीटीसी की ओर से हर हफ्ते एक ट्रेन की व्यवस्था की जाएगी. भविष्य में ट्रेनों की उपलब्धता को देखते हुए लाभार्थियों की संख्या में भी इजाफा किया जाएगा. इस यात्रा की दूरी करीब 900 किलोमीटर की होगी.